श्रद्धा हत्याकांड (shraddha murder case) में आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट तकनीकी प्रक्रिया की वजह से सोमवार को नहीं हो सका। दिल्ली पुलिस और एफएसएल की तरफ से इस टेस्ट के लिए अस्पताल में कोई अर्जी नहीं दी गई थी, इसलिए यह टेस्ट सोमवार को नहीं हो सका।
अस्पताल प्रशासन (hospital administration) सोमवार को पूर्व निर्धारित तैयारी कर इंतजार कर रहा था। रोहिणी स्थित फॉरेंसिंक साइंस लैब के साइकोलॉजी विभाग (Department of Psychology) के प्रमुख पी पुरी ने बताया कि नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ कराना जरूरी होता है। इसके जरिए आरोपी की शारीरिक और मानसिक मनोस्थिति (physical and mental state) की जानकारी हो जाती है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने साकेत कोर्ट में सिर्फ नार्को टेस्ट के लिए आवेदन किया था।
दस दिन का समय लगता है :
एफएसएल के अधिकारी ने बताया कि इसी पूरी प्रक्रिया को पूरी होने में दस दिन का समय लगता है। वहीं अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि नार्को टेस्ट सिर्फ सोमवार को किया जाता है। बाकी अन्य दिनों में नार्को टेस्ट सिर्फ विशेष परिस्थितियों में किया जाता है और कोर्ट के आदेश की आवश्यकता होती है।
आफताब की फिर से हिरासत मांगेगी पुलिस :
आफताब को साकेत कोर्ट ने गुरुवार को दूसरी बार पांच दिन की हिरासत में भेजा था। अभी दस दिन की पूछताछ में पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, इसलिए पुलिस आज कोर्ट से हिरासत अवधि बढ़ाने की अपील करेगी।
पॉलीग्राफ टेस्ट पर आफताब ने सहमति दी
सोमवार को दिनभर पॉलीग्राफ टेस्ट (polygraph test) कराने के लिए इंतजार किया गया। साकेत कोर्ट के सामने आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर सहमति दे दी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। फिलहाल आज ही पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा।
सीबीआई जांच के लिए जनहित याचिका लगाई
हत्याकांड की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसके साथ ही याचिका में दिल्ली पुलिस पर मामले के साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है।
पिता-भाई समेत 11 लोगों के बयान दर्ज
महरौली पुलिस अब तक कुल 11 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इसमें श्रद्धा के पिता-भाई के अलावा दोस्त और डॉक्टर आदि शामिल हैं। पुलिस ने मुंबई में श्रद्धा और दिल्ली में आफताब का इलाज करने वाले डॉक्टरों के भी बयान लिए हैं। पुलिस रविवार को पैकर्स एंड मूवर्स के ऑफिस भी गई, जहां से आफताब ने अपना सामान छतरपुर मंगाया था।