Breaking News

शोध में दावा: फाइजर और मॉडर्ना के टीकों से कम नहीं होते शुक्राणु

फाइजर और मॉडर्ना के टीके पुरुषों की प्रजनन क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। यह दावा एक ताजा शोध में किया गया है, जिसमें इन टीकों की दोनों खुराक लेने के बाद भी प्रतिभागियों में शुक्राणुओं का स्तर अच्छा बना रहा। बृहस्पतिवार को जामा पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में 18 से 50 साल के उन 45 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें फाइजर और मॉडर्ना के टीके लगने थे। इनमें 90 दिन पहले तक संक्रमित हुए लोगों को बाहर रखा गया।

फाइजर और मॉडर्ना के टीके पुरुषों की प्रजनन क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। यह दावा एक ताजा शोध में किया गया है, जिसमें इन टीकों की दोनों खुराक लेने के बाद भी प्रतिभागियों में शुक्राणुओं का स्तर अच्छा बना रहा। बृहस्पतिवार को जामा पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में 18 से 50 साल के उन 45 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें फाइजर और मॉडर्ना के टीके लगने थे। इनमें 90 दिन पहले तक संक्रमित हुए लोगों को बाहर रखा गया।

फिर पहली खुराक से पहले और दूसरी खुराक के करीब 70 दिन बाद इन लोगों के वीर्य के नमूने लिए गए। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के आधार पर प्रशिक्षित विशेषज्ञों (एंड्रोलॉजिस्ट) ने कई मानकों पर शुक्राणुओं का विश्लेषण किया। इसमें वीर्य मात्रा, शुक्राणु गतिशीलता और कुल गतिशील शुक्राणुओं की संख्या (टीएमएससी) मापी गई। शोधकर्ताओं को टीकों से पहले और बाद में शुक्राणुओं में किसी भी तरह की गिरावट नहीं दिखी। अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी के इन शोधकर्ताओं का कहना है, पहले हुए ट्रायलों में टीकों के प्रजनन क्षमता से संबंध की जांच नहीं हुई थी। ऐसे में प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर की धारणा के चलते लोग टीके लगवाने से हिचकिचा रहे हैं। यही वजह है कि हमने शुक्राणुओं को लेकर यह मूल्यांकन किया।