ब्रिटेन के शोधकर्ताओं (UK researchers) ने 411 दिनों से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज (corona virus patient) को ठीक करने का दावा किया है। शोधकर्ताओं ने उसे ठीक करने के लिए खास वायरस (particular virus) के जेनेटिक कोड का अध्ययन (Study of the genetic code) किया। इस अध्ययन से शोधकर्ताओं को सही इलाज का पता चला, फिर जाकर मरीज ठीक हुआ।
जर्नल इंफेक्शन डिजीज में प्रकाशित अध्ययन में एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि 59 वर्षीय व्यक्ति 13 महीने के इलाज के बाद कोरोना संक्रमण से मुक्त हुआ। लंदन के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लूक स्नेल ने कहा कि कुछ मरीज कोरोना से कई महीनों या कई वर्षों तक कोरोना पॉजिटिव रह सकते हैं। इससे शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है।
रोगी का किडनी ट्रांसप्लांट का इलाज चल रहा था इस दौरान वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए, उनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे। वहीं जिन दवाओं की उनको आवश्यता थी वह उनको नहीं दी गई, जिससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई। हालांकि उन्होंने टीके के तीन खुराक ले ली थीं। वह जनवरी 2022 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
लंदन के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लूक स्नेल ने कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले कुछ लोगों को अभी भी गंभीर बीमारी और लगातार संक्रमित होने का खतरा है। हम अभी भी उनके इलाज के सर्वोत्तम तरीके को समझने के लिए काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस के कुछ नए प्रकार ब्रिटेन और यूरोप में उपलब्ध सभी एंटीबॉडी उपचारों के लिए प्रतिरोधी हैं।