खजूर सिर्फ मिठाइयों या स्वीट डिशेज में ही इस्तेमाल नहीं होता बल्कि इसे डाइट में भी शामिल किया जाता है क्योंकि इससे कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं। एक खजूर में (8 ग्राम) 23 कैलोरी, 0.2 ग्राम प्रोटीन, 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0 ग्राम फैट होता है। खजूर पोटेशियम, मैग्नीशियम और आयरन का अच्छा स्रोत है। एक खजूर में 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, जिसमें चीनी भी काफी मात्रा में होती है।
इसके अलावा, खजूर का स्वाद इतना मीठा होता है क्योंकि उनमें फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है, जो ग्लूकोज से दोगुना मीठा होता है। एक औसत खजूर में सिर्फ आधा ग्राम फाइबर होता है। जैसे-जैसे फल पकते हैं, चीनी की मात्रा बढ़ जाती है और फाइबर कम हो जाता है। खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 43 से 55 के बीच हो सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इतना मीठा होने के बाद भी इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
कैंसर से बचाव : खजूर में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कैंसर की रोकथाम से जुड़े हैं। इस कारण से आपको खाना खाने के बाद स्वीट डिश में आइसक्रीम या मिठाई खाने की जगह एक खजूर खाना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल : खजूर पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो हृदय प्रणाली के लिए एक जरूरी इलेक्ट्रोलाइट है। हाई ब्लड प्रेशर को कम करने पर पोटेशियम काफी कारगर होता है। खजूर में सोडियम भी बहुत कम होता है और कुछ फाइबर प्रदान करता है। दिल की बीमारियों से बचाव के लिए भी खजूर खाना बहुत जरूरी है।
हड्डियां मजबूत करता है : खजूर में मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियों के निर्माण में महत्वपूर्ण होता है। मैग्नीशियम की कमी ऑस्टियोपोरोसिस के रिस्क से जुड़ी है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम और आयरन की मात्रा भी पाई जाती है।
मेनोपॉज की प्रॉब्लम्स को ठीक करने में असरदार : खजूर में आइसोफ्लेवोन्स की मात्रा सबसे अधिक होती है। इस कारण से मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के लक्षणों जैसे पेट दर्द, हाथ-पैरों में सूजन से राहत दिलाने में खजूर बहुत फायदेमंद हैं।
शुगर लेवल कंट्रोल करता है : शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए आप चीनी छोड़ना चाहते हैं या फिर आपको मीठा खाने की क्रेविंग होती है, तो आप डाइट में खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। खजूर एक पोर्टेबल स्नैक भी है, जिसे आप मिठाई या स्नैक्स की क्रेविंग को शांत करने के लिए खा सकते हैं लेकिन याद रखें कि डायबिटीज के मरीजों को 2-3 से ज्यादा खजूर नहीं खाने चाहिए।