पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले महीने एक जूनियर डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के बाद देशभर के लोगों ने प्रदर्शन किया और सड़कों पर उतर आए. डॉक्टर्स ने हड़ताल की, यहां तक की जूनियर डॉक्टर्स पीड़िता के माता-पिता के साथ अभी भी आंदोलन कर रहे हैं, जो पीड़िता को न्याय मिलने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखने की बात कह रहे हैं.
राज्य सरकार की ओर से इसी को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया, जो आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स से बातचीत के लिए रखी गई थी. इस पर आंदोलन में शामिल डॉक्टर अर्नब मुखोपाध्याय ने कहा हमने देखा कि राज्य सरकार की तरफ से एक पब्लिक मीटिंग रखी गई थी, जिसमें स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी मौजूद थीं. उन्होंने मीटिंग में कुछ पॉइन्ट्स बताए हैं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह खुले मन से हम डॉक्टर्स से बात करने का इंतजार कर रहे हैं, तो हम भी साफतौर पर यह बताना चाहते हैं कि हम भी खुले मन से उनसे बात करने के लिए तैयार हैं.
यह बहुत अपमानजनक
उन्होंने आगे कहा कि 30-32 दिन से जो हमारा आंदोलन चल रहा है उस पर हम बात करने के लिए तैयार हैं. इसी को लेकर हमने मांग की थी कि जो मीटिंग हुई है उसका लाइव टेलिकास्ट हो, जिससे सब कुछ साफ हो और हमें नहीं लगता कि इसमें कोई तकलीफ की बात है. उन्होंने यह भी बताया कि उसने 10 लोगों के साथ बातचीत करने की बात कही गई है लेकिन डॉक्टर ने कहा कि हम पूरे पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स साथ हैं. 10 लोगों के साथ मीटिंग करना, यह हमारे लिए बहुत अपमानजनक है.
AC रूम में बैठकर हतास
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह कह रहे हैं कि वो लोग हतास हैं तो हम कहना चाहते हैं कि वह एसी रूम में बैठकर हतास हैं और हम लोग यहां रस्ते पर बैठकर हतास हैं. हम जानते हैं कि हमारे मांगे बातचीत के बाद ही पूरे होंगी लेकिन हम सब लोग ऐसे ही बात करने जाएंगे और तब तक हमारा धरना ऐसे ही जारी रहेगा.