इस समय देश में कृषि कानूनों को लेकर हो रहे किसानो के विरोध प्रदर्शन पर देश और विदेश सभी की नजर बनी हुयी है | लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे इस समय हमारे देश है नहीं, कई अन्य देशो में भी अलग मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे है |
इन देशो में रूस, म्यांमार और फ़्रांस मुख्य रूप से शामिल है | रूस में पुतिन के विरोधी नेता नवलिनी को जेल से रिहा किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है, तो भारत में कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर | ऐसे में आज हम आपको कुछ विरोध प्रदर्शनों ऐसे अंदाज के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने दुनिया का ध्यान खींचा है |
साल 2010 में थाईलैंड में तत्कालीन प्रधानमंत्री अभिजीत वज्जाजिवा को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे | इसके लिए प्रदर्शनकारियों ने अनोखा तरीका अपनाया | प्रदर्शनकारियों ने प्लास्टिक की बोतलों में अपना खून भरकर बैंकॉक की सड़को पर रख दिया था | बता दे करीब 50 हजार प्रदर्शनकारियों ने 300 लीटर खून जमा कर, PM ऑफिस के सामने और सड़को पर रख दिया था |
जानवरो के अधिकारों और सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था Peta अक्सर अपने कैम्पेन में अजीबोगरीब तरीको को अपनाकर सुर्ख़ियों में रहती है | कभी जागरूकता लाने के लिए प्रदर्शनकारी पेड़ो पर महीनो तक रहते है | कई बार जानवरो की पोशाक पहन कर सड़को पर प्रदर्शन करते है | तो कभी निर्वस्त्र पिंजरों में कैद होकर जानवरो की हत्या का विरोध करते है |
साल 2011 में चिली में शिक्षा खर्चो पर वृद्धि को लेकर सड़को पर खूब प्रदर्शन हुए | प्रदर्शन में कॉलेज छात्र सड़को पर एक दूसरे को किस कर रहे थे, जिस वजह से इस प्रदर्शन को ‘किसिंग प्रोटेस्ट’ भी कहा गया था | इसके साथ वे स्लोगन भी दिखा रहे थे, जिन पर लिखा था ‘प्यार मुफ्त है, लेकिन पढाई नहीं’ | इस विरोध के बाद शिक्षा लोन पर ब्याज दर को घटा दिया गया था |
फिलीपींस में जब भी विरोध प्रदर्शन होता है, तो उनके विरोध करने का अंदाज हमेशा अलग होता है | फिलीपींस में विरोध के लिए लोग टुकड़ो में देश के अलग अलग हिस्सों में इकठ्ठा होते है और विरोध प्रदर्शन करते है | ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन एक फिल्म को लेकर हुआ था, उस दौरान लोग लगभग निर्वस्त्र होकर मुंह पर पीली टोपी पहन कर प्रदर्शन में शामिल हुए थे |