चीन (China) की कुख्यात वुहान लैब (Wuhan Lab) को भले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने क्लीन चिट दे दी है. मगर ऐसे सबूत मिल रहे हैं, जिससे यह शक गहराता जा रहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus origin) यहीं से फैला. दुनियाभर में कई देशों का भी मानना है कि चीन ने कोरोना का सच छिपाया और यह वुहान की वायरॉलजी लैब (Wuhan Lab) से ही निकला है. अब एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने से करीब एक साल पहले ही चीन जिंदा चमगादड़ों को पकड़ने में लगा हुआ था.
डेली मेल की एक खबर के अनुसार वुहान लैब ने वायरस फैलने से करीब 11 महीने पहले जिंदा चमगादड़ों को रखने के लिए तैयार पिंजड़ों का पेटेंट हासिल किया था. खबर के मुताबिक वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी ने जून 2018 में पिंजड़ों का पेटेंट हासिल करने के लिए आवेदन किया था. कहा गया कि चमगादड़ों को पालने और कृत्रिम तरीके से उनकी ब्रीडिंग की जाएगी. जनवरी, 2019 में चीन की लैब को यह पेटेंट मिल गया. इसके बाद दिसंबर, 2019 में कोरोना का पहला मामला सामने आ गया. जानकारी के मुताबिक शोधकर्ताओं के पास 12 पिंजड़े रखने की क्षमता है.
क्या करना चाहता था चमगादड़ों पर टेस्टिंग
ब्रिटेन में पैदा हुए जूलॉजिस्ट पीटर दाजाक का संगठन इकोहेल्थ एलाइंस वुहान लैब के साथ मिलकर 15 साल से चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस पर अध्ययन कर रहे थे. शक जताया जा रहा है कि चमगादड़ों को टेस्टिंग के लिए लैब में पाला जाता है. मगर पीटर दाजाक ने इस बात को खारिज किया है. उन्होंने कहा था कि सैंपल लेने के बाद उन्हें गुफाओं में छोड़ दिया जाता है.
चमगादड़ को वायरस से किया जाता था संक्रमित
यही नहीं नवंबर, 2019 में वुहान लैब ने एक और पेटेंट फाइल किया था. यह एक ऐसी डिवाइस के लिए था. यह डिवाइस लैब में खतरनाक वायरस के साथ काम करने पर लगी चोटों को ठीक करने के लिए तैयार की गई थी. खुफिया सूत्र चार्ल्स स्मॉल के मुताबिक वुहान लैब गुफाओं से चमगादड़ों को पकड़कर पिंजड़ों में रखता है और उनकी ब्रीडिंग का काम करती है. इस लैब में चमगादड़ को कृत्रिम तरीके से संक्रमित किया जाता है. ऐसे में आशंका है कि इन्हीं चमगादड़ों को खाना खिलाते वक्त इंसानों में कोरोना वायरस फैला.
चमगादड़ों को पैदा कर रहा चीन जब दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही थी, इस बीच चीन ने एक और पेटेंट के लिए फाइल किया. अक्तूबर, 2020 में वुहान लैब ने एक और पेटेंट फाइल किया. यह जंगली चमगादड़ों की कृत्रिम तरीके से ब्रीडिंग से जुड़ा था. इसमें चमगादड़ों और इंसानों के बीच कोरोना वायरस फैलने से जुड़ा था. इसमें कहा गया कि ऐसे कोई लक्षण नहीं मिले हैं, जिससे यह पुष्टि हो सके कि चमगादड़ों से कोरोना वायरस इंसानों में फैला था.