केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने ऋषिकेश के आईडीपीएल में विशेष पर्यटन क्षेत्र योजना को मंजूरी दे दी है। योजना के तहत आईडीपीएल में 600 एकड़ क्षेत्र में जैव विविधता पार्क व इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण होगा। आगे जाकर इस योजना के लिए केंद्र सरकार फंडिंग करेगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल से भेंट के दौरान ये मांग उठाई। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने आईडीपीएल को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित करने को मंजूरी दी। इसके तहत रिजार्ट, होटल, वेलनेस सेंटर बनाए जाने प्रस्तावित हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने राज्य सिरकार के इस प्रोजेक्ट की सराहना की। उन्होंने इसे अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि आगे जाकर इसकी फंडिंग केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के तहत गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाए जाने के लिए एक डीपीआर भी केंद्र सरकार को भेजी गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उक्त प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले सप्ताह तक प्रसाद योजना में 50 करोड़ की स्वीकृति दे दी जाएगी।
फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट अल्मोड़ा का काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए जरूरी बजट तत्काल स्वीकृत किया जाएगा। नमामि गंगे के अर्थ-गंगा में ऋषिकेश को भी शामिल करने की संस्तुति की गई। उन्होंने उत्तराखंड में पर्यटन विकास के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
ऋषिकेश, रुड़की व कोटद्वार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 32 करोड़ जारी
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नागरिक उड्डयन, आवास और शहरी मामले हरदीप पुरी से भेंट की। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत तीन गंगा-टाउन ऋषिकेश, रुड़की व कोटद्वार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के लिए 32 करोड़ 14 लाख 22 हजार रुपये की राशि की स्वीकृति देने के साथ ही राशि जारी भी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री पुरी का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हवाई सेवाओं को मजबूत किए जाने पर केंद्रीय मंत्री के साथ विस्तार से विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ एयरस्ट्रीप को हवाई सेवाओं के लिए अधिक व्यवहार्य बनाने के लिए रनवे की लम्बाई बढ़ाई जानी चाहिए। साथ ही पिथौरागढ़ एयरस्ट्रीप को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तातंरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आरसीएस (रीजनल कनेक्टीवीटी स्कीम) के अंतर्गत पिथौरागढ़ एयरस्ट्रीप से फिक्स विंग (वायुयान) हवाई सेवा पुन: सुचारू किए जाने के लिए दुबारा निविदा आमंत्रित किए जाने और आरसीएस योजनांतर्गत स्वीकृत मार्ग को पाइंट टू पाइंट किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरसीएस योजना के तहत स्वीकृत हैलीपैड मार्ग परिवर्तन व सिंगल इंजन हैलीकाप्टर के प्रयोग की अनुमति दी जाए। उन्होंने कुमाऊं क्षेत्र में पवन हंस लिमिटेड द्वारा सप्ताह के सभी दिनों में हवाई सेवाएं प्रदान किए जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए तीन क्लस्टर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजनाओं के लिए 93 करोड़ 21 लाख रुपये और आठ लीगैसी वेस्ट-पुराने डंप साइट के प्रसंस्करण के लिए 126 करोड़ 53 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने मुख्यमंत्री को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव राधिका झा, दिलीप जावलकर, शैलेश बगोली व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।