Breaking News

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस, कई मंत्रियों के कट सकते हैं टिकट

राजस्थान (Rajasthan) में इस साल विधानसभा चुनाव (assembly elections) होने हैं। इसको लेकर सूबे में अभी से सियासी सरगर्मी देखी जा रही है। भाजपा (BJP) सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुट गई है तो दूसरी तरफ सूबे की सत्ता पर काबिज कांग्रेस (Congress) के सामने सरकार (Government) को बरकरार रखने की चुनौती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) का कहना है कि चार साल सत्ता में रहने के बाद भी कांग्रेस के सामने सत्ता विरोधी लहर का जोखिम नहीं है। हालांकि, इस दावे से इतर कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) विधायकों और मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा किए जाने की बात कहने लगे हैं।

कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने रविवार को पार्टी नेताओं, मंत्रियों और विधायकों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि खराब प्रदर्शन और पार्टी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले मंत्रियों को 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा। रंधावा कांग्रेस के ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की तैयारी बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। रंधावा ने यह बात ऐसे वक्त में कही है जब पार्टी के भीतर अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान थमी नहीं है।
रंधावा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह आखिरी साल है इसलिए नेताओं का प्रदर्शन देखा जाएगा। मंत्रियों, विधायकों और पार्टी नेताओं को उनके प्रदर्शन के आधार पर ही टिकट दिए जाएंगे। मैंने मुख्यमंत्री से कहा है कि वह नरम हैं। चुनावी साल में पार्टी को कड़ा फैसला लेना है। कोई भी घर बिना सख्ती के नहीं चल सकता है। इसलिए हम सख्ती करेंगे। हमें गांव गांव जाकर पार्टी के लिए काम करना होगा। जीरो परफारमेंस वाले मंत्रियों नेताओं को टिकट देकर क्या होगा। ऐसे नेताओं को हम टिकट नहीं देंगे।
रंधावा के संकेतों से साफ है कि पार्टी सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए गुजरात में आजमाए गए भाजपा के फॉर्मूले को अपनाने से नहीं चूकेगी। कांग्रेस उन नेताओं, मंत्रियों और विधायकों को टिकट नहीं देगी जिनसे लोग नाराज हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस रुख से कई नेताओं को विधानसभा चुनावों में टिकट से महरूम होना पड़ सकता है। सनद रहे गुजरात में भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए कई मंत्रियों और विधायकों को टिकट नहीं दिया था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की तैयारी बैठक में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जिला समन्वयक नियुक्त किए। ये समन्वयक जिलों में प्रभारी मंत्री से चर्चा करेंगे और प्रत्येक प्रखंड में एक-एक समन्वयक नियुक्त कराएंगे। कांग्रेस के नेता हर बूथ का दौरा करेंगे और लोगों को राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं के लाभों से अवगत कराएंगे। अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सत्ता विरोधी लहर नहीं होने को एक अवसर के तौर पर भुनाना चाहिए।