भले ही दुनिया आर्थिक अनिश्चितता से जूझ रही है, पर भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था स्पष्ट रूप से निवेशकों के लिए आकर्षक बनी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि युद्ध की एक वैश्विक स्थिति है, खासकर उन देशों में जो कच्चे माल के स्रोत हैं। चाहे वह ईंधन, खाद या खाद्य संबंधित कच्चे माल हों। इससे दुनिया में बहुत असुरक्षा पैदा हो रही है और चुनौतियां जारी हैं। इस अनिश्चित माहौल के बीच दुनिया भारत को निश्चित स्तर के एक शांत द्वीप के रूप में देख रही है।
कर्नाटक में निवेश सम्मेलन में उन्होंने कच्चे माल के आयात आदि को प्रभावित करने वाली वैश्विक राजनीतिक स्थिति के बारे में कहा कि विभिन्न देश अब दुनिया के विभिन्न हिस्सों से इन सामग्रियों के स्रोत के लिए खुद को समायोजित कर रहे हैं। हालांकि, इसका न केवल उद्योगों पर बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक व्यापार की वृद्धि पर भी असर पड़ा है। लेकिन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर मजबूत आर्थिक बुनियाद और बेहतर नीतियों की वजह से अनिश्चितताओं और बाहरी चुनौतियों का ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
जरूरत पड़ने पर उद्योगों का किया गया समर्थन
सीतारमण ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बाहरी तत्वों से गंभीर रूप से खतरा नहीं होगा। सरकार ने उन उद्योगों को बहुत समर्थन दिया, जिनकी उन्हें आवश्यकता थी। यह भी सुनिश्चित किया गया कि इन चुनौतियों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को सावधानीपूर्वक संभाला गया।
कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर की आज से शुरुआत करेंगी वित्त मंत्री
वित्त मंत्री कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी का छठा दौर बृहस्पतिवार को शुरू करेंगी। इस दौर की नीलामी की शुरुआत के लिए राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले कार्यक्रम में वह मुख्य अतिथि होंगी। कोयला मंत्रालय ने कहा, खदानों का विवरण, नीलामी की शर्तें, समयसीमा आदि की जानकारी एमएसटीसी के नीलामी मंच पर देखी जा सकती हैं। नीलामी दो चरण की पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये ऑनलाइन तरीके से होगी। अब तक 64 खदानों की वाणिज्यिक नीलामी की है।
खुदरा ई-रुपये का परीक्षण इसी माह शुरू :आरबीआई
थोक ई-रुपये के पायलट परीक्षण के बाद आरबीआई इसी माह खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू करेगा। तारीख की घोषणा अलग से होगी। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की शुरुआत देश में मुद्राओं के इतिहास में ऐतिहासिक क्षण है। ई-रूपी से कारोबार करने का तरीका काफी हद तक बदल जाएगा।
- उन्होंने कहा, आरबीआई निकट भविष्य में सीबीडीसी को पूरी तरह पेश करना चाहता है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई।
- कुछ तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं। आरबीआई उन सभी पहलुओं को दूर कर सीबीडीसी को इस तरह पेश करना चाहता है ताकि समस्या पैदा न हो।