सदियों से हमारे आहार का अहम हिस्सा रहा है लहसुन। इसके तीखेपन और तेज सुगंध के कारण भोजन का स्वाद तो बढ़ता ही है, अपने औषधीय गुणों के कारण भी लहसुन बहुत उपयोगी है। लहसुन के ऐसे अनेक फायदों के बारे में बता रही हैं रजनी अरोड़ा.
लहसुन के एक क्लोव में मैंगनीज, विटामिन बी6, विटामिन सी, सिलेनियम, कॉपर, मैगनीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन जैसे पोषक तत्व इतनी मात्रा में होते हंै कि वे दैनिक आवश्यकता को लगभग दो प्रतिशत तक पूरा कर सकते हंै। लहसुन में डाईसल्फाइड, एलिल सिस्टीन, एलिन, एलिसिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट बायोएक्टिव कंपाउंड भी होते हंै। ये बॉडी के इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर कई बीमारियों से बचाव करते हैं। डाईसल्फाइड जैसे एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण लहसुन एक सशक्त एंटीबायोटिक के रूप में भी काम आता है। बैक्टीरियल बीमारियों में मेडिसिन के साथ-साथ लहसुन का नियमित सेवन किया जाए, तो जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
वजन कम करने में सहायक-
अध्ययनों से साबित हुआ है कि लहसुन में मौजूद एलिसिन एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड शरीर में अतिरिक्त वसा को कम कर वजन प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ये कंपाउंड शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को दुरुस्त बनाए रखते हैं। शरीर में एनर्जी लेवल को बूस्ट करते हैं, जिससे शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और फैट को बर्न होने में मदद मिलती है। विशेषज्ञ इसे भूख कम करने वाला एजेंट मानते हैं।
डिटॉक्सीफिकेशन से करे वजन कंट्रोल-
लहसुन शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का भी बेहतरीन एजेंट है। इसमें मौजूद सेलेनियम जैसे मिनरल और एंटी ऑक्सीडेंट पाचन तंत्र में बाधा पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स या विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया सुचारु होती है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। मूत्रवर्धक प्रकृति का होने के कारण इसका सेवन शरीर से अतिरिक्त वसा और टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है, किडनी व लिवर को स्वस्थ रखता हैं।
इम्यून बूस्टर-
लहसुन में मौजूद एलिसिन कंपाउंड इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों को बढ़ाते हैं और शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव हो सकता हैं। मजबूत इम्यूनिटी कई इन्फेक्शंस से बचाव करने, सूजन, दर्द और बदलते मौसम में होने वाली एलर्जी, सर्दी-जुकाम, फ्लू वगैरह के खतरे को कम करने में सुरक्षागार्ड का काम करती है।
कैंसर की करे रोकथाम-
एलिसिन एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर लहसुन के नियमित सेवन से सेल्युलर म्यूटेशन और कैंसरस सेल्स के विकसित होने का खतरा कम होता है। रिसर्च से साबित हो गया है कि लहसुन पेनक्रियाज, कोलोरेक्टल, किडनी, लंग्स, मुंह, प्रोस्टेट और गले के कैंसर के विकास को रेाकने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को करे कंट्रोल-
नियमित रूप से सुबह कच्चे लहसुन का सेवन उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसे रोगों को नियंत्रित करने में सहायक है। इसमें मौजूद मैगनीशियम, फास्फोरस जैसे मिनरल्स शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल एचडीएल के लेवल को बढ़ातेे हैं। एलिसिन सल्फर कंपाउंड बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल स्तर को कम करने में मददगार है।
दिल का दोस्त-
लहसुन का सेवन उनकेलिए भी फायदेमंद है, जिनका खून गाढ़ा होता है। इसमें मौजूद पॉली सल्फाइड कंपाउंड हृदय की धमनियां खोलने, रक्त-प्रवाह बढ़ाने, ब्लड क्लॉटिंग को रोकने में मदद करते हैं, जिससे दिल स्वस्थ रहता है।
हड्डियों को स्वस्थ रखने में सहायक-
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। लहसुन का नियमित सेवन एस्ट्रोजन की कमी दूर करके हड्डियों का स्वास्थ्य बनाए रखता है।
(शालिनी डाइट एंड वेलनेस क्लिनिक, दिल्ली की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. शालिनी सिंघल से बातचीत पर आधारित)
बरतें सावधानी-
-स्थूलकाय शरीर वाले लोगों के लिए लहसुन की फली का सेवन फायदेमंद है, लेकिन उन्हें डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए, क्योंकि अगर उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या है, तो ज्यादा मात्रा में कच्चे लहसुन का सेवन उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
-लहसुन के सेवन के बाद अगर हृदय में जलन, त्वचा पर लालिमा या सूजन महसूस हो, नकसीर फूटे या मसूड़ों से खून निकले, जी मिचलाने, उल्टी आने या डायरिया जैसी समस्याएं होने लगें तो लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
-गर्म तासीर का होने के कारण लहसुन का प्रयोग गर्मी के मौसम में और पित्त संबंधी विकार वाले लोगों को कम करना चाहिए।
-जिनके शरीर में गर्मी ज्यादा होती है या जिनके हाथ-पैरों में जलन रहती है, ऐसे लोगों को दाने निकलना, रैशेज, खुजली जैसी स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा सेवन से पेट फूलने, आंतों में सूजन जैसी परेशानियां हो सकती हैं।