केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि उपद्रवियों ने घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये कहा कि सरकार घटना के तह तक जाएगी और दोषियों को बेनकाब कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
लखीमपुर खीरी में रविवार शाम हुई हिंसा को उत्तर प्रदेश शासन ने गंभीरता से लिया है और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिये तत्काल हर संभव प्रयास किये गये हैं। इस दौरान केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि लखीमपुर से पीडब्ल्यूडी विभाग की कुछ योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद वे अपने पैतृक गांव में हो रहे कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। तभी यह सूचना मिली कि रास्ते में कुछ किसान खड़े हैं, जिसके बाद हमारा रूट डायवर्ट हो गया।
आगे उन्होंने बताया कि उस दौरान कुछ कार्यकर्ता हमारी अगुवाई के लिये आ रहे थे। तभी तथाकथित किसानों के बीच में छिपे उपद्रवियों ने पत्थरों से हमला कर दिया और एकाएक काफिला रुक गया। हमारे कार्यकर्ताओं को गाड़ियों से खींचकर लाठी-डंडे और तलवारों से पीटा गया, जिसके सारे वीडियो हमार पास हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि मारपीट के दौरान उपद्रवियों ने हमारे कार्यकर्ताओं पर इस बात का दबाव बनाया कि वे यह स्वीकार करें कि किसानों पर गाड़ी चढ़ा रहे थे। जब कार्यकर्ताओं ने इस बात को स्वीकार करने से मना कर दिया तो उपद्रवियों ने उनकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने चालक समेत चार भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी।
मिश्रा ने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर हजार लोग उपस्थित थे, जहां मेरा बेटा और पुलिस एवं जिला प्रशासन के लोग भी थे। घटना की पूरी फोटो एवं वीडियो उनके पास हैं, जिसके आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से उपद्रवियों ने आग लगाई और तोड़फोड़ करते हुये कार्यकर्ताओं की हत्या की, अगर हमारा बेटा वहां होते तो उसकी भी हत्या कर दी जाती।
एडीजी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर पहुंचे
मामले को संज्ञान में लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल कार्यक्रमों को रद्द कर लखनऊ लौटे, जहां देर रात अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर भेजा गया, जहां वे घटना की जांच कर रहे हैं।
लखीमपुर घटना के बाद जनपद के बिगड़े हालात को काबू करने के लिए कई जिलों की पुलिस फोर्स बुलायी गई है और जनपद में इंटरनेट सेवा को बाधित कर दिया गया है। हिंसा में अबतक आठ लोगों के मरने की खबर है। मारे गए लोगों में चार किसान, एक चालक और तीन भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है।