चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब वह भारत-रूस संबंधों में जहर घोलने की कोशिश कर रहा है। इस मामले पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा है कि अगले वर्ष भी संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि रूस और भारत क्षेत्रीय व वैश्विक एजेंडों से संबंधित सामयिक मुद्दों के समाधान के प्रयासों के साथ-साथ रचनात्मक द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य जारी रखेंगे। पुतिन का ये बयान चीन के लिए बड़ा झटका है, इसका कारण है कि हाल ही में चीन ने कहा था भारत और रूस के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है।
साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को क्रिसमस एवं नववर्ष शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि रूस और भारत विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के संबंधों से जुड़े हैं, जो कोरोना महामारी समेत तमाम परेशानियों एवं समस्याओं के बावजूद पूरे विश्वास के साथ प्रगति और उन्नति कर रहे हैं। इससे पहले कोरोना महामारी के मद्देनजर भारत-रूस शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों पर चीन ने सवाल उठाए थे।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने भारत और रूस के बीच जहर घोलने की कोशिश की थी। अखबार के एडिटोरियल में लिखा गया था कि साल 2000 के बाद यह पहला मौका है जब भारत और रूस के बीच शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया। इससे दोनों देशों के रिश्तों के बीच में दरार का संकेत देखने को मिलता है।
चीनी अखबार ने अपने सम्पादकीय में यह दावा भी किया था कि अक्टूबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वल्दाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब की 17वीं वार्षिक मीटिंग में भारत के साथ बिगड़ते रिश्तों की ओर इशारा किया था। अखबार ने आगे लिखा कि पुतिन ने चीन, जर्मनी, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का उल्लेख किया, मगर भारत के बारे में कुछ नहीं कहा था। बता दें चीन चाहता है कि भारत और रूस के रिश्ते के बीच गहरी खाई खोद दे जिससे उसके और रूस के रिश्ते अच्छे हो जाएं।