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रूसी विदेशी खुफिया एजेंसी का बड़ा दावा, कहा- यूक्रेन में आतंकवादी लड़ाकों को भेज रहा अमेरिका और NATO

 रूस और यूक्रेन के बीच की यह लड़ाई एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है. दोनों देशों के बीच युद्ध का आज 10वां दिन है. रूसी सैनिक यूक्रेन में तेजी से अपना पैर पसार रहे हैं. वहीं यूक्रेनी सेना भी लगातार रूसी सैनिकों का डटकर सामना कर रही है. इस बीच रूसी विदेशी खुफिया एजेंसी (Russia Foreign Intelligence Agency) ने दावा किया है कि अमेरिका (US) और नाटो (NATO) यूक्रेन में आतंकवादी लड़ाकों को भेज रहा है. खुफिया एजेंसी के मुताबिक, डोनबास में तैनात किए जाने वाले आतंकवादियों को सीरिया में अमेरिका के नियंत्रण वाले अल-तंफ सैन्य अड्डे पर प्रशिक्षित किया गया है. इसने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका मध्य पूर्व और अफ्रीका में सक्रिय रूप से नई आतंकवादी इकाई बना रहा है ताकि उसे पोलैंड के रास्ते से यूक्रेन भेज सके.

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा, ‘अमेरिकी सैन्य खुफिया विभाग यूक्रेन के लिए भाड़े के सैनिकों की भर्ती के लिए एक अभियान तेज कर रहा है. यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में राष्ट्रवादी बटालियनों में से एक में शामिल होने के लिए पिछले सप्ताह पोलैंड के माध्यम से लगभग 200 क्रोएशियाई भाड़े के लोग यूक्रेन पहुंचे.’

भाड़े के सैनिकों पर चलाया जाएगा आपराधिक मुकदमा

कोनाशेनकोव ने यह भी कहा कि अमेरिकी सैन्य खुफिया ने यूक्रेन में लड़ने के लिए निजी सैन्य कंपनी के ठेकेदारों की भर्ती के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी पीएमसी अकादमी, क्यूबिक और डीआईएन कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. रूस ने जोर देकर कहा है कि यूक्रेन में लड़ रहे विदेशी भाड़े के सैनिकों को अगर हिरासत में लिया गया तो उन्हें युद्धबंदी (पीओडब्ल्यू) नहीं माना जाएगा और उन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के मुताबिक, यूक्रेन में लगभग 16,000 विदेशी लड़ाकों के आने की उम्मीद है. क्रोएशिया के लगभग 200 भाड़े के सैनिक पहले ही पोलैंड के माध्यम से देश में प्रवेश कर चुके हैं और यूक्रेन के दक्षिण पूर्व में राष्ट्रवादी इकाइयों में शामिल हो गए हैं.

हाल ही में अमेरिका ने रूसी विमानों और हेलीकॉप्टरों को मार गिराने के लिए यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में विमान भेदी तोप-स्टिंगर मिसाइलें प्रदान की थीं. बता दें कि रूसी हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने अपने देश की रक्षा के लिए विदेशी नागरिकों को यूक्रेन की सेना में भर्ती होने का आह्वान किया था.

जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अधिक सैन्य सहायता मांगी

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत के लिए बैठने का आह्वान करने के साथ ही पश्चिमी देशों से यूक्रेन को रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए और मजबूत सैन्य सहायता मुहैया कराने आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि यूक्रेन को समर्थन देने में दुनिया की गति बहुत धीमी है. उन्होंने पश्चिमी देशों के नेताओं का आह्वान किया कि वे रूसी युद्धक विमानों को रोकने के लिए यूक्रेन पर ‘नो-फ्लाई ज़ोन’ लागू करें. अमेरिका और नाटो सहयोगियों ने इस कदम से इनकार किया है क्योंकि इससे रूसी और पश्चिमी देशों की सेनाएं आमने-सामने आ जाएंगी.

यूक्रेन पर रूस का हमला यूरोप और वैश्विक शांति पर हमला है: बाइडेन

बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि यूक्रेन पर रूस का हमला यूरोप और वैश्विक शांति पर हमला है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ब्रसेल्स में शुक्रवार को कहा कि अमेरिका ने यूरोप में अतिरिक्त 7000 सैनिकों को भेजा है और नाटो के पूर्वी बेडे को मजबूत करने के लिए अपने बलों की तैनाती में बदलाव किए हैं. उन्होंने कहा, ‘हम रूस के खिलाफ अपने कड़े आर्थिक प्रतिबंधों को और सख्त कर रहे हैं.’