भारतीय रुपया (Indian Rupee) की हालत दिनोंदिन पतली होती जा रही है। डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपया शुरुआती कारोबार में 16 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 82.33 पर आ गया है। पिछले सत्र में रुपया 81.88 पर बंद हुआ था। बता दें भारत जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी (Electric Goods & Machinery) समेत कई दवाओं (drugs) का भारी मात्रा में आयात करता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो आयात महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा खर्च करना होगा। आइए जानें गिरते रुपये से आपके जीवन पर क्या पड़ेगा असर…
क्या- क्या होगा महंगा
खाद्य तेल
डॉलर के मजबूत होने और रुपये में गिरावट की वजह से खाद्य तेलों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ सकते हैं। क्योंकि, भारत खाद्य तेल का 60 फीसद आयात करता है। इसकी खरीद डॉलर में होती है।
पेट्रोल-डीजल
भारत 80 फीसद कच्चा तेल आयात करता है और इसके लिए डॉलर में पेमेंट करना पड़ता है। डॉलर महंगा होगा तो कच्चा तेल भी महंगा पड़ेगा। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ेगी और ऐसे में रुपये के कमजोर होने से रसोई से लेकर घर में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ सकते हैं ।
दवाएं और इलेक्ट्रानिक सामान
जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी समेत कई दवाओं का भारत भारी मात्रा में आयात करता है। अधिकतर मोबाइल और गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो आयात महंगा हो जाएगा।
विदेश यात्रा
विदेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को आवास, कॉलेज फीस,, भोजन और परिवहन सबके लिए डॉलर में खर्च करना होता है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से उन छात्रों को पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा खर्च करना होगा।
रोजगार के अवसर घटेंगे
बता दें भारतीय कंपनियां विदेश से सस्ती दरों पर भारी मात्रा में कर्ज जुटाती हैं। रुपया कमजोर होने से भारतीय कंपनियों के लिए विदेश से कर्ज जुटाना महंगा हो जाता है। इससे लागत बढ़ जाती है जिससे वह कारोबार के विस्तार की योजनाओं को टाल देती हैं। इससे देश में रोजगार के अवसर घट सकते हैं।