कहते हैं जीवन में हर जरूरतमंद की सेवा करनी चाहिए. और अगर ये सेवा निस्वार्थ हो तो उससे खुद को तो खुशी मिलती है साथ ही सामने वाला भी आपको दुआएं देता है. ऐसा ही कुछ ओडिशा (Odisha) के कटक जिले में देखने को मिला. यहां एक बुजुर्ग महिला के रिश्तेदारों ने उसे अकेला छोड़ दिया था. इसके बाद एक रिक्शा चालक (Rickshaw Puller) ने उसकी 25 साल निस्वार्थ सेवा की. अब इस महिला ने अपना 3 मंजिला मकान और अन्य संपत्ति रिक्शा चालक के नाम कर दी है.
यह बुजुर्ग महिला कटक के सुताहटा इलाके में रहती हैं. इनका नाम मिनाती पटनायक है. पिछले साल उनके पति की मौत हो गई थी. इसके बाद वह अपनी बेटी कोमल के साथ रह रही थीं. पति की मौत को छह महीने ही हुए थे कि उनकी बेटी की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बाद वह बेसहारा हो गईं. किसी भी रिश्तेदार ने उनका साथ नहीं दिया. ऐसे में वह घर पर अकेले रह रही थीं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मिनाती का कहना है कि जब उसकी बेटी छोटी थी और स्कूल जाती थी तो रिक्शा चालक बुद्धा सामल उसका ख्याल रखता था. उनके अनुसार बुद्धा और उसका परिवार पिछले 25 साल से उनके परिवार की देखभाल कर रहा है. उनका कहना है कि उसने ऐसा इंसानियत के नाते किया. बुद्धा जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल भी ले जाता था.
मिनाती का कहना है कि वह अपनी संपत्ति को किसी गरीब परिवार के नाम करना चाहती थीं. चूंकि बुद्धा ने निस्वार्थ भाव से मेरी और मेरे परिवार की सेवा की है इसलिए मैंने कानूनी रूप से अपना मकान और पूरी संपत्ति उसके नाम करने का निर्णय लिया है. मिनाती ने कहा है कि बेटी कोमल की मौत के बाद किसी भी रिश्तेदार ने उनकी मदद नहीं की. कोई भी उनसे मिलने नहीं आया.रिक्शा चालक का कहना है कि उसने 25 साल से परिवार की सेवा की. अपनी पूरी संपत्ति किसी दूसरे के नाम करना बड़ी महानता का काम है.