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रामरहीम को हुई उम्रकैद, पीड़ित परिवार कर रहा मौत की सजा की डिमांड

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में हत्या के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई.गुरमीत राम रहीम 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में दोषसिद्धि के बाद से रोहतक की सुनरिया जेल में बंद है. राम रहीम सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेश हुआ जबकि चार अन्य हरियाणा के पंचकूला की अदालत में मौजूद थे.

सीबीआई के विशेष अभियोजक एच पी एस वर्मा ने कहा कि राम रहीम सिंह की उम्रकैद की सजा, पत्रकार राम चंदर छत्रपति हत्याकांड में 2019 में उसे दी गई आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ चलेगी. विशेष सीबीआई न्यायाधीश सुशील कुमार गर्ग ने हत्या के मामले में राम रहीम और चार अन्य- कृष्णलाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल- को आठ अक्टूबर को दोषी ठहराया था. सीबीआई के विशेष अभियोजक एच पी एस वर्मा ने कहा कि अदालत ने पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

सीबीआई ने उनके लिए मौत की सजा की मांग की थी.अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया था.उन्हें आईपीसी की धारा 506 के तहत तीन-तीन साल जेल की सजा सुनाई गई.वर्मा ने कहा कि डेरा प्रमुख पर 31 लाख रुपये, अवतार सिंह पर 75,000 हजार रुपये, सबदिल पर 1.50 लाख रुपये और जसबीर और कृष्णलाल पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सीबीआई के विशेष अभियोजक ने कहा कि जुर्माने की आधी राशि पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में जाएगी.फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने कहा कि यह परिवार के लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि उन्हें लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला है. जगसीर अपने पिता की हत्या के समय आठ साल का था. उसने कहा कि वह फैसले से संतुष्ट है, हालांकि उसका परिवार राम रहीम सिंह के लिए मौत की सजा की मांग कर रहा था.

पुलिस ने सुनवाई से पहले पंचकूला और सिरसा में सुरक्षा कड़ी कर दी थी, जहां इस संप्रदाय का मुख्यालय है.पंचकूला में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई.रंजीत सिंह की 10 जुलाई, 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी हत्या की गयी थी. इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है.सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह था और राम रहीम ने उसकी हत्या की साजिश रची.