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राज्यसभा चुनाव की दौड़ में सिब्बल, आनंद शर्मा और चिदंबरम

राज्यसभा चुनाव की दौड़ में (In Race for RS Polls) कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal), आनंद शर्मा (Anand Sharma) और पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) जैसे दिग्गज नेता (Veteran Leaders) दोबारा नामित किए जाने की उम्मीद में हैं (Hoping to be Re-nominated) । कपिल सिब्बल जी23 समूह के सबसे अधिक मुखर नेता हैं । कांग्रेस अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के बारे में फैसला कर सकती है, क्योंकि चुनाव की अधिसूचना इसी सप्ताह जारी की जानी है। कांग्रेस अपने दम पर आठ सीटें जीत सकती है।

सूत्रों का कहना है कि सिब्बल को पिछली बार की तरह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन मिल सकता है। उन्हें सपा और उसके सहयोगियों के अतिरिक्त वोट मिल सकते हैं। जीत के लिए लगभग 35 मतों की आवश्यकता होती है और अपने तीसरे उम्मीदवार को आवश्यक संख्या में वोट मिलने के बाद सपा गठबंधन के पास लगभग 20 अधिशेष वोट होते हैं। अगर बीजेपी अपना आठवां उम्मीदवार उतारती है तो मुकाबला करीबी हो सकता है।

 

आनंद शर्मा हरियाणा से चुने जाने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी इस सीट के दावेदार हैं। पी, चिदंबरम को अपने गृह राज्य तमिलनाडु से फिर से नामांकन मिल सकता है।पार्टी नेतृत्व से सुलह कराने वाले गुलाम नबी आजाद भी पिछली बार अनदेखी के बाद दौड़ में हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार उन्हें राजस्थान या कर्नाटक में से किसी एक से समायोजित किया जा सकता है। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि आधे उम्मीदवार युवा रक्षक और आधे दिग्गजों के होंगे। पार्टी की कई राज्य इकाइयां जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए पिच कर रही हैं।

कर्नाटक कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बढ़ावा देने के लिए प्रियंका को राज्य से राज्यसभा के लिए उतारने पर विचार कर रही है। कांग्रेस के सूत्रों ने पुष्टि की है कि इसकी राज्य इकाई के प्रमुख डीके. शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया पहले ही प्रियंका से संपर्क कर चुके हैं। उन्होंने कथित तौर पर कांग्रेस नेता को समझाया है कि उनकी दादी दिवंगत इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी ने पहले कर्नाटक से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।जहां इंदिरा गांधी ने 1978 में चिकमगलूर से चुनाव लड़ा था, वहीं सोनिया गांधी ने 1999 में बेल्लारी से चुनाव लड़ा था। राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में उनके आगमन ने चुनाव परिणामों के मामले में कांग्रेस के लिए अच्छा काम किया था। इसलिए कांग्रेस अब प्रियंका को राज्य से राज्यसभा के लिए मैदान में उतारना चाहती है।