प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने यह स्पष्ट कर दिया कि (Made it Clear that) राजस्थान में (In Rajasthan) कोई सीएम फेस नहीं है (There is No CM Face) सामूहिक रूप से चुनाव लड़ा जाएगा (Election will be Fought Collectively) । सीएम फेस कमल का फूल है (CM Face is Lotus Flower) । नरेंद्र मोदी ने सांवलियाजी कस्बे में हुई सभा में यह संदेश दिया कि अगर सीएम बनना है तो फील्ड में जाकर प्रत्याशियों को जीताने का काम करें।
बहरहाल यह बात मोदी ने उस जगह पर कही है, जहां वसुंधरा की लोकप्रियता अच्छी खासी है। उदयुपर से लेकर बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा में वसुंधरा राजे काफी लोकप्रिय चेहरा है। पार्टी ने वसुंधरा राजे ही नहीं अन्य नेताओं को भी साफ संदेश दे दिया है कि वे किसी गलतफहमी में न रहें। चुनाव जीताने के लिए लग जाएं। बीजेपी के सभी नेता अब इस दौड़ में लग गए हैं, लेकिन जो कुछ राजे के साथ हो रहा है, उन्हें आशंका है कि कहीं हमारे साथ भी ऐसा न हो जाए।
मोदी की सभा के बाद राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे ही जनता और कार्यकर्ताओं के केंद्र में आ गईं हैं। उनके प्रति लोगों की सहानुभूति बढ़ी है, लेकिन बाकी सब नेताओं में खुशी का माहौल है और उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए दौड़भाग शुरू कर दी है। उधर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कमान नहीं सौंपने का बीजेपी को खामियाजा उठाना पड़ेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे में कुछ आत्मविश्वास बढ़ा है। इससे लगता है कि वे अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है। इसका उदाहरण कोलायत के नेता एवं पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी का पार्टी में शामिल होना है। प्रधानमंत्री मोदी ने सांवलियाजी में भले ही 7200 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ किया हो, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि भाजपा में कोई भी सीएम फेस नहीं होगा।
उधर, राहुल गांधी ने भी राजस्थान में कांग्रेस को सक्रिय रखने के लिए पिछले दिनों बयान दिया था कि मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ हम जीत रहे हैं, लेकिन राजस्थान में भाजपा व कांग्रेस के बीच टक्कर की स्थिति है। कांग्रेस के नेता इस बयान के मायने यही बता रहे हैं कि कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने और लगातार काम करने के लिए प्रेरित करने के मकसद यह बयान दिया गया है।