अभिनेता कबीर बेदी फिल्मों के साथ-साथ निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। कबीर बेदी ने अपनी बायोग्राफी ‘स्टोरीज आई मस्ट टेलः द इमोशनल लाइफ ऑफ द एक्टर’ को लोकार्पण किया है। कबीर बेदी बायोग्राफी आने के साथ ही एक बार फिर से उनकी लव लाइफ को लेकर चर्चा होने लगी है। कबीर बेदी ने अपनी टूटती शादी से लेकर और परवीन बाबी से रिश्तों के बारे में बताया है। कबीर बेदी ने ओडिशी नृत्यांगना प्रोतिमा गुप्ता से शादी की थी। वह जल्द ही उस दौर की अभिनेत्री परवीन बाबी के प्यार में पड़ गये। परवीन मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझने लगी थीं।
कबीर ने लिखा है कि मुझे याद है हमारा प्यार और जुनून। मैंने उसकी मानसिक स्थिति को महसूस किया और लंबे समय से दबा मेरा गुस्सा बाहर आ गया। मैंने खुद को याद दिलाया कि यह उसकी गलती नहीं थी। शायद मैं भी उतना ही दोषी था। शायद मुझे पहले ही चले जाना चाहिए था। फिर भी मैं नहीं कर सका। उसे मेरी सख्त जरूरत थी। मैंने अपने आप को उसके रक्षक के रूप में देखा।
उन्होंने लिखा है कि तब तक मैं भी मानसिक और भावनात्मक रूप से थक चुका था। बगैर किसी ठहराव के मैं एक भावनाओं से भरी महिला से दूसरी की ओर जा रहा था। लोग यही सोचते कि वह कितना लकी है’ जो एक के बाद एक खूबसूरत महिलाओं के साथ है। केवल मैं ही जानता हूं कि एक भावुक आदमी होने की वजह से मैंने जो कीमत चुकाई है। कबीर बेदी ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने परवीन बाबी की वजह से पत्नी परवीन दुसांझ को नाम बदलने की सलाह दी थी तो उनकी पत्नी का रिएक्शन सख्त था। उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी में पहले एक परवीन थी। क्या तुम अपना नाम बदलना चाहोगी। क्योंकि लोग इससे कन्फ्यूज होंगे। उसने सख्त नाराजगी जताई।
चार दिन बाद कमरे में मिली थी लाश
परवीन बाबी के रिलेशन कबीर बेदी के अलावा महेश भट्ट और डैनी डेन्जोंगपा से भी थे। साल 2005 में मल्टीपल ऑर्गन फेल होने से परवीन का निधन हो गया। परवीन अपने अंतिम वक्त में वह अकेली रह गई थीं। कबीर ने पुस्तक में लिखा है कि आखिर में, मुझे पता चला कि परवीन की मौत कैसे हुई थी। निधन के चार दिन बाद उनका शव उनके जुहू स्थित फ्लैट में था। उनके उनके पैर में गैंग्रीन था और वह व्हीलचेयर पर थीं। कभी लाखों लोगों की कल्पना में रहने वालीं एक स्टार का निधन बेहद अकेलापन से भरा और दुखद रहा।
अंतिम संस्कार में पहुंचे थे कबीर, महेश भट्ट और डैनी
तीन लोग जो उन्हें जानते थे और उनसे प्यार करते थे – महेश, डैनी और मैं। उनके अंतिम संस्कार के लिए जुहू में कब्रिस्तान में गए थे। इस्लामिक तरीके से उनका शव दफनाया गया। मुझे महसूस हुआ वह मुझसे मिले दुख से पीड़ित थीं। हम में से प्रत्येक ने उन्हें न जाने कितने तरीकों से जाना था। हम में से हर कोई उनसे प्यार करता था।