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यौन उत्पीड़न मामला : जब पूर्व जज को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, आप बर्फ पर चल रहे हैं…

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज के मामले की सुनवाई करते हुए तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने शुक्रवार को यौन उत्पीड़न की शिकायत पर सुनवाई करते हुए पूर्व जज को चेतावनी देते कहा कि आप ‘बर्फ की रपटीली‘ सतह पर चल रहे हैं। यह फिसलन भरी सतह नुकसानदायक हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि सेक्सुअल प्रताड़ना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, यह दुखद है। जूनियर जज की सेक्सुअल हरासमेंट की शिकायत पर पूर्व जिला जज के खिलाफ जांच की कार्यवाही चल रही है। इस कार्यवाही के खिलाफ पूर्व जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए उक्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से पेश वकील ने कहा था कि पूर्व जिला जज ने जो मेसेज अपने जूनियर महिला अधिकारी भेजा था वह बेहद आपत्तिजनक था। महिला जज की शिकायत पर हाई कोर्ट ने कार्रवाई शुरू की गई है। हाई कोर्ट द्वारा सेक्सुअल प्रताड़ना की शिकायत के मामले में पूर्व जिला जज के खिलाफ अनुशासनात्क कार्यवाही भी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व जिला जज से कहा कि वह अर्जी वापस लें। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह की हरकत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अदालत ने याची से कहा कि आप बर्फ की चादर पर फिसलन वाली जगह पर चलने की हिमाकत कर रहे हैं। आप कभी भी गिर सकते हैं। आप जांच कमिटी के सामने पेश हों। वहां आपको अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।

 

अदालत का रुख देखते हुए याची के वकील ने अर्जी वापस लेने की इजाजत मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी वापस लेने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस बात की लिबर्टी है कि वह जांच कमिटी के सामने पेश हो सकते हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक सीनियर न्यायायिक अधिकारी का व्यवहार ज्यादा उचित होना चाहिए। जब आप महिला अधिकारी के साथ काम कर रहे हैं तो आपका व्यवहार बेहतर होना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि जूनियर ऑफिसर को फ्लर्ट करना स्वीकार्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक जज अगर महिला अधिकारी को आपत्तिजनक मेसेज भेजता है और फ्लर्ट करने वाला मेसेज भेजता है तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में जज के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी कार्रवाई के खिलाफ जज ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।