मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हो रही सरकारी नौकरियों की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं मानक के अनुरूप बताया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नौकरियों को बेचने वालों के मंसूबे कतई कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल पहले इन नौकरियों पर सरकार के सानिध्य में पलने वाले माफिया और अपराधी प्रवृति के लोगों के कब्जे थे। होनहार युवाओं को प्रदेश में नौकरी नहीं मिलती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में 130 आबकारी निरीक्षकों को नियुक्त पत्र देने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने का एक मात्र मानक मेरिट ही है। नवनियुक्त आबकारी निरीक्षकों को शासकीय सेवा शुरू करने की बधाई दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर किसी से सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि शासन भी आपसे सेवाकाल में ऐसी ही ईमानदारी की अपेक्षा रखता है। आपको सेवाकाल में मिलने वाला वेतन-भते जनता की टैक्स से आता है। ऐसे में जनता के प्रति जवाबदेही बनाए रखना होगा।
प्रदेश में बंद हो गए वसूली के अड्डे
योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों के समय नियुक्तियों ने अनियमितता और कोर्ट के अपरिहार्य हस्तक्षेप का जिक्र किया। उन्होंने आयोगों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कहीं क्षेत्र, कहीं भाई-भतीजावाद, परिवारवाद तो कहीं जातिवाद प्रभावी था।
50 हजार और युवाओं को देंगे नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा दिसंबर तक 50 हजार और युवाओं को नियुक्ति पत्र मिलेगा। भाजपा शासन में चार-सवा चार वर्षों में निजी औद्योगिक निवेश खूब हुआ। इससे 1.61 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी मिली तो 60 लाख युवाओं को स्वतः रोजगार से जोड़ा गया। आबकारी मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री ने नियुक्तियों में शुचिता और पारदर्शिता के लिए मुख्यमंत्री की ईमानदार कोशिशों को श्रेय दिया।