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ये है दुनिया का सबसे अमीर गांव, हर शख्स की सैलरी 80 लाख रुपए

आमतौर पर अगर लोगों से गांव डिस्क्राइब करने को कहा जाता है तो उनके जेहन में कच्चे मकान, झोपड़ी, कच्ची सड़कें आती है. गांव यानि खेत और खेत में हल चलाता किसान. लेकिन आज हम आपको जिस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, उसने भारत के मेट्रो सिटीज को भी पीछे छोड़ दिया है. इस गांव के सामने बड़े से बड़ा शहर भी फीका लगने लगता है. सबसे ख़ास बात है इस गांव में रहने वालों की सैलरी. इस गांव में रहने वाले लगभग हर शख्स की सालाना इनकम अस्सी लाख रुपए से ज्यादा है.

आपको लग रहा होगा कि हम मजाक कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. जिस गांव की हम बात कर रहे हैं उसे दुनिया का सबसे अमीर गांव कहा जाता है. ये एक कृषि प्रधान गांव है यानी यहां के लोग मुख्यतौर पर खेतीबाड़ी से जुड़े हुए हैं. इसके बाद भी उनके घर, उनकी लाइफस्टाइल को देखकर बड़े शहरों में रहने वाले लोगों को भी जलन हो जाएगी. हम बात कर रहे हैं चीन के जियांगयिन शहर के पास बसे हुआझी गांव की. इस गांव में रहने वाला हर शख्स इतना अमीर है जितना शहरों में रहने वाले भी नहीं.

बिलकुल नॉर्मल किसानों सा काम
हुआझी गांव एक कृषि प्रधान गांव है. यानि यहां रहने वाले लोग खेतीबाड़ी कर अपनी जिंदगी काटते हैं. लेकिन गांव के किसानों ने एक ऐसा आइडिया अपनाया, जिसके कारण आज इस गांव को दुनिया के सबसे अमीर गांवों में गिना जाने लगा. इस गांव में रहने वाला हर शख्स एक पक्के आलीशान घर के अंदर आराम से रहता है. उनके पास महंगी गाड़ियां है. गांव में पक्की सड़कें हैं और नाली का प्रॉपर प्रबंध है.

एक काम ने बनाया अमीर
जब इस गांव को स्थापित किया गया था तब आज के जैसे हालात नहीं थे. इसे गांव को 1961 में बसाया गया था. तब ये गांव बेहद गरीब था और यहां कृषि की हालत काफी बदतर थी. लेकिन इसके बाद गांव में कम्न्यूनिस्ट पार्टी संगठन का गठन हुआ. इसके अध्यक्ष वू रेनवाओ ने गांव की सूरत ही बदल दी. यहां हर किसान अपनी जमीन पर खेती करने की जगह ग्रुप में खेती करने लगा. सामूहिक खेती की वजह से यहां के लोगों का भविष्य ऐसा बदला कि आज सब के सब लखपति हैं.