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यूपी में बिजली विभाग के 1299 कर्मचारी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे, हो सकती है बड़ी कार्यवाही

बिजली महकमे में 1299 कर्मचारी भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के आरोपों से घिरे पाए गए हैं। सभी के खिलाफ लंबित विभागीय जांच को जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश प्रबंधन ने जारी किए हैं। भ्रष्टाचार के इन मामलों में बहुत बड़ी संख्या इंजीनियरों तथा कैश से जुड़े कार्मिकों की बताई जा रही है। विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त कर घाटे को कम करने के लिए पावर कारपोरेशन द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन क्लीन के तहत राज्य की पांचों विद्युत वितरण कंपनियों से अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित फाइलों को खंगालने पर यह चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिसके बाद पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने सभी बिजली कंपनियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित जांच की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जांच पूरी होने पर जो भी कार्मिक दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कठोरतम विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भ्रष्टाचार और अनियमितता के सबसे अधिक मामले पश्चिमांचल में मिले हैं। इन मामलों में बिल्डरों को लाभ पहुंचाना, विभागीय राजस्व की चोरी, गबन आदि प्रमुख हैं। पश्चिमांचल के इन मामलों की जांच 13 विभागीय टीमें कम रही हैं। इसके बाद दक्षिणांचल में 295 कार्मिकों पर भ्रष्टाचार के आरोपों में विभागीय जांच चल रही है। सात टीमों के जिम्मे यह जांच हैं।

पूर्वांचल में 10 टीमें जांच कर रही हैं

पूर्वांचल में 243 मामलों की जांच 10 टीमें कर रही हैं। मध्यांचल और केस्को में भ्रष्टाचार के मामले अपेक्षाकृत कम हैं। मध्यांचल में 88 के खिलाफ कार्यवाही लंबित है जिसकी जांच छह टीमें कर रही हैं। वहीं केस्को के कुल 27 कार्मिक ही आरोपों से घिरे हैं जिसकी जांच पांच टीमें कर रही हैं। जांच दल हर उस पहलू पर गौर कर रहा है जहां से उसे कोई लीड मिल सके। विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही से जुड़े सभी मामलों की जांच जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है।