यूपी में बाढ़ (Flood) के कारण दिन पर दिन हालात खराब होते जा रहे हैं. इसमें चौकानें वाली बात ये है कि प्रदेश के 5 सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिलों में से तीन बुंदेलखंड (Bundelkhand) की जगह हैं. पूर्वी यूपी और तराई के जिलों में हर वर्ष बाढ़ के कारण दिक्कत होती है, लेकिन इस बार बुंदेलखंड के बाकी जिलों में बाढ़ से स्थितियां विकट हो चुकी हैं. इनमें जालौन (Jalaun), बांदा (Banda) और हमीरपुर (Hamirpur) के दर्जनों गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं.
रेस्क्यू टीम की ओर सेजो आंकड़े जारी किये गये हैं उनके अनुसार यूपी के कुल 23 जिलों में बाढ़ की स्थिति है. इन 23 जिलों के 1000 से भी अधिक गांव में रहने वाली 5 लाख से ज्यादा की आबादी पर बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव पड़ने वाला है. सबसे अधिक प्रभाव मिर्जापुर में दिखने के आसार है, यहां के 404 गांवों में पानी भर चुका है. इसके अतिरिक्त प्रयागराज में 169, जालौन में 114, बांदा में 79 और हमीरपुर के 76 गांव बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की अधिकतर नदियां खतरे के निशान से ऊपर आ चुकी हैं, इसके कारण संकट आ चुका हैं. गंगा नदी बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान के ऊपर है. इसके अलावा यमुना बांदा और प्रयागराज में खतरे के निशान के ऊपर ही है. लखीमपुर खीरी शारदा नदी में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, तो वहीं घाघरा बलिया में खतरे के निशान के ऊपर चल रही है.
प्रदेश के 9 जिलों- इटावा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया, और वाराणसी में NDRF की टीमों को तैनात किया गया है. बाकी जिलों में एसडीआरएफ और पीएसी के जवान लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं. बाढ़ से प्रभावित जिलों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राहत विभाग ने 950 बाढ़ शरणालय बनाए हैं. यहां लोगों को भोजन के किट और लंच पैकेट बांटे जा रहे हैं.
नेपाल और उत्तराखंड से बहकर आने वाली नदियों में पूर्वांचल और तराई के जिलों में भी बाढ़ की स्थिति बनी हैं. तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश सेनिकलने वाली नदियों के बढ़े जलस्तर के कारण बुंदेलखंड और पूर्वांचल में स्थितियां मुश्किलों से भरी हैं.
बीते 24 घंटे में बाढ़ ग्रस्त जिलों में गोरखपुर में सबसे अधिक 36.1 मिलीमीटर की बारिश हुई. बलिया और बहराइच में 9 मिली मीटर बारिश हुई. तो वहीं अयोध्या में 4 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई.