यूपी सरकार प्रदेश के 102 शहरों यानी पालिका परिषद और नगर पंचायतों में स्मार्ट पार्किंग और स्मार्ट रोड जैसी बेहतर सुविधाएं देने जा रही है। इनमें केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना की तरह काम कराया जाएगा। नए बजट में 100 करोड़ रुपये की मांग की गई है। पांच सालों में 220 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। पहले चरण में इस वित्तीय वर्ष में 102 शहरों को चुना गया है। ‘अमृत शहर’ वाले शहरों में 60 व 40 फीसदी की बजट हिस्सेदारी होगी। इसमें 60 फीसदी सरकार मदद करेगी और 40 फीसदी निकायों को स्वयं देना होगा। अन्य नगर पालिका परिषदों में 75-25 और नगर पंचायतों में 90-10 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग से यह पैसा दिया जाएगा।
स्मार्ट सिटी परियोजना में बनी प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग कमेटी और तकनीकी सपोर्ट ग्रुप द्वारा इसके लिए सहयोग दिया जाएगा। संबंधित जिलों में डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसके माध्यम से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी जाएगी।
शेयरिंग पर बाइक भी होगी उपलब्ध
प्रदेश के 102 शहरों में पार्किंग और स्मार्ट सड़क की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए स्मार्ट रोड, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट हेल्थ एटीएम, स्ट्रीट लाइट ऑटोमेशन, प्लेस मेकिंग, पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग और सोलर ट्री एंड स्मार्ट सोलर बेंच की व्यवस्था की जाएगी। लखनऊ नौ, कानपुर आठ, आगरा सात, वाराणसी आठ, प्रयागराज आठ, बरेली सात, मुरादाबाद सात, अलीगढ़ छह, सहारनपुर छह, झांसी 10, गाजियाबाद चार, मेरठ चार, मथुरा तीन, फिरोजाबाद चार, शाहजहांपुर तीन, अयोध्या दो और गोरखपुर की छह पालिका परिषद व नगर पंचायतों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित होगा।