केंद्र में बैठी मोदी सरकार (Modi government) ने बासमती चावल (Basmati rice) से न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum export price.- MEP) को हटाने समेत 3 महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan) ने शनिवार को कहा कि बासमती चावल (Basmati rice) से न्यूनतम निर्यात शुल्क (एमईपी) को हटाने का फैसला किसानों के लिए बेहद लाभकारी होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले वर्षों में किसानों के फायदे के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। कृषि और किसान कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, किसान हित मे केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क को जीरो पर्सेंट से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5 प्रतिशत हो जाएगा। सरकार के इस कदम से सभी तिलहन किसानों खासतौर से सोयाबीन और मूंगफली के किसानों को अच्छे भाव मिलेंगे।
इसके साथ ही रबी में तिलहन की बुवाई में भी बढ़ोतरी होगी और सरसों की फसल के भी अच्छे दाम किसानों को मिल सकेंगे। उन्होंने कहा, इस फैसले से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा और उसका निर्यात हो सकेगा और सोयाबीन से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा।
फैसलों से हमारे अन्नदाताओं को लाभ होने वाला है: मोदी
इन फैसलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “किसान भाई-बहनों के हित में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना हो। ऐसे कई फैसलों से हमारे अन्नदाताओं को लाभ होने वाला है।”
उचित दाम दिलाने के लिए निर्यात को बढ़ावा
जबकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “किसानों के हित में मोदी सरकार ने तीन अहम फैसले लिए हैं। सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए निर्यात को बढ़ा रही है, ताकि वे अपनी फसल का अधिक से अधिक दाम प्राप्त कर पाए।”