पिछले कुछ दिनों से नॉर्थ-ईस्ट (North-East) में लगातार बारिश (incessant rain) हो रही है, जिसके चलते फिर से बाढ़ की स्थिति (flood situation) पैदा हो गई है. इसी क्रम में बीते शुक्रवार को मेघालय के मौसिनराम (Mausinram of Meghalaya) में 24 घंटे में 1003.6 मिमी बारिश (1003.6 mm of rain in 24 hours) हुई, जबकि चेरापूंजी में 972 मिमी बारिश हुई. आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक 16 जून, 1995 को चेरापूंजी में 1563 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. जबकि उससे एक दिन पूर्व 930 मिमी बारिश हुई थी।
आईएमडी के पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि बीते शुक्रवार को मौसिनराम में हुई बारिश ने 83 साल पहले जून में सबसे अधिक दर्ज की गई बारिश का रिकॉर्ड तोड़ा है. भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी) ने जानकारी दिया है कि अगले 5 दिनों के दौरान बिहार, झारखंड, ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल में गरज- बिजली व आंधी के साथ व्यापक रूप से व्यापक बारिश होने की संभावना है।
अगले 5 दिनों के दौरान झारखंड में भारी बारिश की संभावना है. वहीं 17 जून से-20 जून के दौरान बिहार में, 17 और 20 तारीख को ओडिशा में, 17 से 20 तारीख के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में अलग-अलग भारी वर्षा की संभावना है. आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक 17 से 19 जून को पश्चिम मध्य प्रदेश और विदर्भ में और 19-21 जून के दौरान छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना जताई गई है. अगले 5 दिनों के दौरान केरल और माहे, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा 17 जून से 20 जून के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, 17 से 19 जून के दौरान तेलंगाना, रायलसीमा में, 17 और 18 तारीख को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में, 18 से 21 जून के दौरान दक्षिण कोंकण और गोवा में बारिश की संभावना है।
वहीं 20 और 21 जून को मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में, 17, 20 और 21 जून को गुजरात क्षेत्र में और 21 जून, 2022 को सौराष्ट्र के ऊपर बारिश हो सकती है. वहीं 17 जून को जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में और 17, 18 और 20 जून को पंजाब में भारी बारिश की संभावना है. वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आईएमडी भुवनेश्वर के निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा कि मानसून ने राज्य के दक्षिणी हिस्सों में प्रवेश कर लिया है. अगले 3 दिनों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है. जाजपुर, कटक आदि में भारी बारिश के साथ गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है. राज्य भर में तापमान में कमी आई है।