महाराष्ट्र (Maharashtra) में साल 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले (malegaon blast case) में एनआईए की विशेष अदालत (NIA special court) के समक्ष एक पूर्व सैन्यकर्मी मंगलवार को मुकरने वाला 29वां गवाह बन गया। आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt Col Prasad Purohit) के पूर्व सहयोगी रहे इस गवाह ने वर्ष 2008 में महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को बयान दिया था। एटीएस ने शुरुआत में इस मामले की जांच की थी।
गवाह ने मंगलवार को पेशी के दौरान विशेष अदालत के समक्ष कहा कि वह पुरोहित को जानता है, लेकिन आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को कोई बयान देने से इनकार करने पर उसे मुकरा हुआ घोषित कर दिया गया। एटीएस को दिए गए अपने कथित बयान में गवाह ने कहा कि उसने कहा था कि जब पुरोहित एक खुफिया अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे, तब एक अन्य आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी अकसर आया करता था और वह नासिक के पास देवलाली शिविर में ठहरता था।
उसने कहा कि एटीएस के सामने साध्वी प्रज्ञा और दयानंद पांडे के खिलाफ बयान दिया था। हालांकि अब उसने कहा कि उसकी उम्र 75 साल की हो गई है और उसे यह भी याद नहीं है कि पहले क्या कहा था। बता दें कि इस मामले में भाजपा नेता प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड), और समीर कुलकर्णी को आरोपी बनाया गाय था। सभी आरोपी जमानत पर हैं और उनका कहना है कि राजनीतिक बदले की भावना से उन्हें फंसाया गया था।
इस मामले के अन्य आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हैं। मालेगांव में 29 सितंबर,2008 को हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। एक मस्जिद के बाहर मोटरसाइकिल में लगाए गए बम में विस्फोट किया गया था। नासिक जिले का मालेगांव वैसे भी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जगह मानी जाती है।