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मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो दिवाली की रात पढ़ें देवराज इंद्र द्वारा रचित महालक्ष्मी स्तोत्र, करें इन मंत्रों का जाप

कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस बार दीपावली 4 नवंबर गुरुवार के दिन है. इस दिन ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. भगवान गणेश को मंगलकर्ता माना जाता है और माता लक्ष्मी को सुख-शांति और समृद्धि प्रदाता माना जाता है. यदि आपको अपने जीवन में माता लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहिए तो भगवान गणेश से सद्बुद्धि की प्रार्थना अवश्य करें, तभी लक्ष्मी आपके पास ठहर सकती हैं. यही वजह है कि दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी दोनों की साथ में पूजा की जाती है. ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो दीपावली की रात महालक्ष्मी की विशेष पूजा की रात होती है. इस रात को व्यर्थ में सोकर गंवाना नहीं चाहिए.

दीपावली की शाम को भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी का विधि विधान से पूजन करें. गणपति से सद्बुद्धि की प्रार्थना करें. दोनों के समक्ष रातभर के लिए दीपक जला दें. इसके बाद रात में जागरण करके मां लक्ष्मी के विशेष मंत्रों का जाप करें. कहा जाता है कि इस रात मातारानी घर में प्रवेश करती हैं. ऐसे में यहां हम आपको बताने जा रहे हैं देवराज इंद्र द्वारा रचित ‘महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना स्तोत्र’ जिसे पढ़कर आप आसानी से मातारानी की कृपा के पात्र बन सकते हैं. साथ ही कुछ ऐसे सिद्ध मंत्र, जिनके जाप से महालक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं.

ये है महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना स्तोत्र

इन्द्र उवाच

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

नमस्ते गरुड़ारूढ़े कोलासुरभयंकरि
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तुते

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा.

 

ये हैं महालक्ष्मी के सिद्ध मंत्र

1. समृद्धि के लिए : पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्

2. धन प्राप्ति के लिए : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:

3. बाधा दूर करने के लिए : ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

4. कर्ज से मुक्ति के लिए : ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:

5. सफलता प्राप्ति के लिए : ॐ ह्रीं त्रिं हुं फट

ये भी ध्यान रहे

इन मंत्रों को आप अपनी श्रद्धानुसार कम से कम 108 बार और अधिक से अधिक 5, 7, 11, 51, 101 मालाएं कर सकते हैं. इसका जाप कमल गट्टे या स्फटिक की माला से करें.