मुंबई की अदालत (Mumbai court) ने भाजपा नेता किरीट सोमैया (BJP leader Kirit Somaiya) की पत्नी मेधा सोमैया (Medha Somaiya) की ओर से दायर मानहानि के मामले (Defamation cases) में शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) को दोषी ठहराया है। कोर्ट कहा कि उन्होंने कुछ बयान देते समय सावधानी और सतर्कता नहीं बरती, जबकि सांसद होने के नाते उनसे उच्च स्तर की जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है। पिछले सप्ताह न्यायिक मजिस्ट्रेट आरती कुलकर्णी ने राज्यसभा सदस्य राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही, 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई और उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। बाद में अदालत ने सजा को 30 दिन के लिए टाल दिया ताकि राउत उच्च अदालत में आदेश को चुनौती दे सके।
अदालत ने अपने ताजा फैसले में कहा कि मेधा सोमैया प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और मानहानि के कारण उनकी छवि धूमिल हुई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है। एक सांसद के रूप में सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखने के मामले में राउत पर उच्च स्तर की जिम्मेदारी होती है। कोर्ट ने कहा, ‘आरोपी ने शिकायतकर्ता के खिलाफ मीडिया के माध्यम से बिना किसी सावधानी और सतर्कता के बयान दिए। यह जानते हुए भी कि शिकायतकर्ता इससे बदनाम हो सकता है, उन्होंने सावधानी नहीं बरती और अपमानजनक बयान दिए व उन्हें प्रकाशित किया।’
आखिर संजय राउत पर क्या लगाया गया आरोप
मालूम हो कि मेधा सोमैया ने साल 2022 में वकील विवेकानंद गुप्ता के माध्यम से शिकायत दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार व पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राउत ने उन पर मीरा भयंदर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ये आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और सार्वजनिक बयान देकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है।