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महाकुंभः नीलकंठ से रुड़की रोड तक कुंभ क्षेत्र घोषित, सरकार ने जारी की अधिसूचना

प्रदेश सरकार ने विधिवत तौर पर हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। कुंभ मेला अवधि एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच ही रखी गई है। हरिद्वार कुंभ मेला यूं तो मकर संक्रांति से शुरू हो चुका है। लेकिन कोरोना के कारण पैदा हालात के चलते प्रदेश सरकार ने अब तक मेला का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था। अब करीब तीन महीने की देरी के बाद, गुरुवार को शहरी विकास विभाग ने मेला क्षेत्र को अधिसूचित कर दिया है।

सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कुंभ अवधि एक से 30 अप्रैल के बीच ही रहेगी। अधिसूचना में कुंभ अवधि और भौगोलिक क्षेत्र को ही स्पष्ट किया गया है। कुंभ क्षेत्र में मुख्य रूप से हरिद्वार और ऋषिकेश नगर निगम के साथ ही मुनि की रेती नगर पालिका, स्वर्गाश्रम नगर पंचायत के साथ ही हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले की कुछ ग्राम सभाओं को शामिल किया गया है।

कुंभ क्षेत्र की सीमा


उत्तर – नीरगढ़, तपोवन, विट्ठल आश्रम मार्ग, नरेंद्र नगर मुनिकी रेती मार्ग तक।
पश्चिम – नरेंद्र नगर- ऋषिकेश बाईपास, देहरादून- ऋषिकेश मार्ग वन चौकी तक, हरिद्वार बाईपास, हरिद्वार हाईवे, हिल बाईपास, मंशादेवी मंदिर, बीएचईएल आवासीय कॉलोनी, हरिद्वार- दिल्ली मार्ग पर 13 किमी तक।
दक्षिण – बहादराबाद गांव, हरिद्वार बाईपास मार्ग पर सीतापुर गांव की सीमा तक, हरिद्वार- ऋषिकेश बाईपास पर रेलवे पुल तक, जियापोता गांव से गंगा पार करते हुए नजीबाबाद मार्ग पर सिद्ध सोत तक।
पूरब – चंडी देवी मंदिर, चीला मार्ग, चीला नहर होते हुए वीरभद्र बैराज, लक्ष्मणझूला- दुगड्डा मार्ग पर पीपलकोटी तक, पैदल मार्ग से होते हुए नीलकंठ मंदिर तक ।

अब लागू होंगे मानक

केंद्र सरकार कुंभ मेले में कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने के निर्देश दे चुकी है। अब विधिवत कुंभ मेला अधिसूचित होने के बाद आगामी स्नान पर राज्य सरकार को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। तब तक चूंकि सरकार ने विधिवत नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था, इस कारण पूर्व में आयोजित स्नान पर उक्त मानक लागू नहीं हो पाए थे। अब 12 और 14 अप्रैल को क्रमश साोमवती अमावस्या और बैशाखी के दो प्रमुख शाही स्नान पड़ रहे हैं।