अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि(narendra giri) की संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय और उलझती जा रही है, गिरि के शिष्य आनंद गिरि(anand giri) को हरिद्वार से गिरफ्तार किये जाने के बाद उन्होने अखाड़ों की जमीन और संपत्ति के विवाद के संबंध में बातचीत की थी, अब जांच एजेंसी को नरेन्द्र गिरि की कॉल रिकॉर्ड से हरिद्वार(haridwar) के कुछ रियल एस्टेट(real Estate) कारोबारियों से कई बार बात होने का पता चला है, पूरे मामले में जांच एजेंसी अब संपत्ति के एंगल से इस मामले की जांच कर रही है, यही कारण है कि जांच एजेंसी के रडार पर अब हरिद्वार के कुछ रियल एस्टेट कारोबारी भी आ गये हैं।
हरिद्वार में कई अखाड़ों के मुख्यालय हैं, यहां अखाड़ों, आश्रमों और मठों के पास अकूत सम्पदाएं हैं, कुछ अखाड़ों के पास तो शहर के लगभग हर हिस्से में जमीने हैं, हरिद्वार में अखाड़ों के महंतों और रियल स्टेट कारोबारियों के बीच में सांठ-गांठ काफी पुरानी रही है.यही वजह है कि धर्म परमार्थ और जनहित के उद्देश्य से अर्जित की गई संपत्तियां अब अपार्टमेंट्स, शॉपिंग कॉम्पलेक्स और मॉल में तब्दील हो रही है।
साल दर साल यहां ऐसे अपार्टमेंट और सोसाइटी की संख्या बढ़ रही है जो अवैध ढंग से अखाड़ों की जमीनों पर खड़े हैं, दूसरी ओर ये भी दबे शब्दों में कहा जा रहा है कि राजस्व चोरी तथा नियमों को दरकिनार कर इमारतें खड़े करने का ये खेल शासन प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।
धर्म नगरी में धार्मिक संपत्तियों की खरीद-फरोख्त ना सिर्फ विवादित बल्कि रक्त रंजित रही है, राज्य गठन के बाद से अब तक हरिद्वार के दर्जनों संतों की हत्या और संदिग्ध मौत हो चुकी है, ऐसी मौतों के पीछे संपत्तियों की खरीद-फरोख्त का विवाद बताया जाता है.
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी बताते हैं अखाड़े की जमीनों की खरीद-फरोख्त में कई बार अखाड़ों के पदाधिकारियों में भी आपसी तनातनी बढ़ जाती है, इसलिये अब तक दर्जनों संतों की मौत संदिग्ध रही है।