मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Khadge) ने राज्यसभा में (In Rajya Sabha) विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) पद से इस्तीफा दे दिया (Resigned)। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार बनने के बाद उन्होंने यह फैसला ‘एक नेता एक पद’ के नियम को ध्यान में रखते हुए लिया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।
उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में ये फैसला लिया गया था कि कोई भी व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं होगा। इससे पहले शुक्रवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन दाखिल किया था। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और के. एन. त्रिपाठी हैं। तीनों ही नेताओं ने शुक्रवार को नॉमिनेशन दाखिल किया। खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अब तक सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनका सीधा मुकाबला शशि थरूर से होगा।
एआईसीसी मुख्यालय में मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के समय पार्टी के कई नेता उनके साथ दिखे। जी-23 के कई नेता भी मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन कर रहे हैं। जी-23 के नेताओं में शामिल पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और भूपिंदर हुड्डा ने कहा है कि वे पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए. के. एंटनी, अंबिका सोनी और मुकुल वासनिक उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने हैं।
दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था, “हम खड़गे के नामांकन के समर्थन में आए हैं। शशि थरूर हमारे दोस्त हैं और रहेंगे। दिग्विजय सिंह ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। यह अच्छा होगा अगर कोई आम सहमति हो।”खड़गे कांग्रेस के सबसे प्रमुख दलित चेहरों में से एक हैं। अगर मल्लिकार्जुन खड़गे जीत जाते हैं, तो वह स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दक्षिण भारत से छठे नेता बन जाएंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि खड़गे गांधी परिवार के बाहर ढाई दशक में पार्टी की कमान संभालने वाले पहले व्यक्ति होंगे, वहीं राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से मल्लिकार्जुन खड़गे के इस्तीफे के बाद इस पद के लिए पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह का नाम रेस में आगे माना जा रहा है।