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ममता ने कहा- हम देश के साथ मिलकर 2024 का लड़ेंगे चुनाव , देश जवाब देगा

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली के 7 महादेव रोड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ममता ने विपक्षी पार्टियों, खासतौर से कांग्रेस के लिए कहा कि सबको मिलकर काम करना होगा। इससे पहले ममता बनर्जी सोनिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुकी थीं।

ममता की प्रेस कॉन्फ्रेंस से उनके इरादे भी जाहिर हो गए और साथ ही मीडिया की दिलचस्पी भी। बंगाल की तरह दिल्ली में भी नेशनल मीडिया की दिलचस्पी ममता बनर्जी में साफ दिखाई दी। ममता ने भी दिल्ली में मीडिया को पूरी तवज्जो दी और दो बार इसलिए माफी मांगी की कोरोना प्रोटोकॉल के चलते सभी पत्रकार शामिल नहीं हो सके और कैमरामैन अंदर नहीं आ पाए।

ममता ने मीडिया कार्ड भी खेला और कहा- अगली बार हम सबसे मिलेंगे। यहां पर राष्ट्रीय मीडिया को सवाल पूछने को मिलना चाहिए, क्योंकि बंगाल की मीडिया से तो बातचीत होती ही रहती है। पूरी कॉन्फ्रेंस के दौरान दीदी ने कई बार बंगाली में यह कहा कि लोगों के बीच चाय सर्व कीजिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दीदी ने यह भी ध्यान रखा कि वे बंगाल में नहीं, बल्कि दिल्ली में हैं। जब उनके सहयोगी ने अंग्रेजी में मीडिया को धन्यवाद दिया तो ममता ने उनसे कहा कि हिंदी में धन्यवाद दीजिए।

 प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी से पूछे गए सभी सवाल और उनके जवाब पढ़िए…

2019 में भी आपने कई क्षत्रपों के साथ मंच साझा किया कर मौजूदा बीजेपी की सत्ता को ललकारा था। तो इस बार क्या नया है?
हर दिन एक सा नहीं होता। तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल गया है।

आगामी चुनाव प्रचार के लिए क्या आप बनारस जाएंगी?
बनारस भी जाऊंगी, मथुरा भी जाऊंगी। पूरे देश में जाऊंगी, ये मेरी मातृभूमि है…सब जगह जाऊंगी।

बंगाल में खेला होबे कहकर आपने खेला कर दिया, लेकिन बंगाल में आपकी सत्ता थी। बंगाल आपको समझता है। देश और ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सत्ता है। कैसे लड़ेंगी चुनाव? किसी नए स्लोगन और रणनीति के साथ चुनाव लड़ेंगी?
बंगाल के बाद अब देश में भी खेला होबे, कॉन्टीन्यू (लगातार) खेला होबे। हमारा स्लोगन यही रहेगा। हम देश के साथ मिलकर लड़ेंगे। जैसे बंगाल की जनता के साथ मिलकर लड़े। जब 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे तो यह मोदी बनाम देश होंगे।

सवाल-चुनाव में आपकी रणनीति क्या होगी?
अभी दूसरी पार्टियों से मिलना है, उनसे बातचीत होनी है। उसके बाद ही हम अलायंस और हमारी रणनीति के बारे में बताएंगे। एक बात तय है ये चुनाव हम नहीं सत्तासीन पार्टी के खिलाफ देश लड़ेगा। पूरा देश त्रस्त हैं। जवाब देश देगा।

आपकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। उन्हें पता है कि इस बार आपके दिल्ली आने का मंसूबा, राष्ट्रीय राजनीति में शिरकत करना है। कुछ तो एक्सप्रेशन दिए होंगे?
हम बहुत कुछ देखते हैं, लेकिन सब जाहिर नहीं कर सकते। मोदी जी से मुलाकात प्रोटोकाल का हिस्सा थी। बहुत कुछ बता नहीं सकती।’ दीदी के इस जवाब में शब्दों से ज्यादा एक्सप्रेशन थे। उनकी तीखी मुस्कान बहुत कुछ कह रही थी।

आपको आउसाइडर भी कहा जा रहा है, आप क्या कहेंगी?
नरेंद्र मोदी गुजरात से आकर देश में चुनाव लड़ सकते हैं, प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो वे इनसाइडर हैं। मैं बंगाल से आकर राष्ट्रीय राजनीति में शिरकत करूं तो आउटसाइडर हूं। क्यों? यह देश मेरा भी है। मैं इस फर्क को स्वीकार नहीं करती।

राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव अलायंस के फार्मूला पर क्या राय बनी?
बच्चा अभी पैदा ही नहीं हुआ तो उसके बारे में क्या बताऊं? अभी सभी पार्टियों से बातचीत जारी है। फिलहाल चुनावी गठजोड़ और रणनीति के बारे में कुछ नहीं कह सकती। संसद का सत्र चल रहा है। उसके बाद हम इस पर बात करेंगे। अभी कई पार्टियों से बात कर भी रहे हैं। इस सवाल के जावब के लिए अभी आप लोग इंतजार करिए।

क्या चुनावों में कांग्रेस का लीड रोल रहेगा या आपको लीड रोल में वह स्वीकार करेगी, क्षेत्रीय पार्टियों क्या आपके साथ हैं?
मैंने पहले ही कहा, अभी सभी पार्टियों से बात होने के बाद ही सबकुछ तय होगा। सवाल यह नहीं कि कौन लीड में रहेगा और उसके साथ रहेगा? इससे बड़ा सवाल है कि हम सब एकजुट होकर चुनाव लड़ें। अगर सभी क्षेत्रीय पार्टियां साथ आ जाएंगी तो एक नया इतिहास रचेगा, सब मिलकर भाजपा को टक्कर देंगी। मैं चाहतीं हूं कि सभी क्षत्रप एक साथ आएं, मुझे उम्मीद है कि सभी क्षेत्रीय पार्टियां साथ आएंगी।

आपकी हिंदी बहुत अच्छी है, पहले मुकाबले और भी अच्छी हुई है?
मोदी जी से हिंदी सीखी और अमित शाह जी से गुजराती। केम छो-केम छो…।

फोन जासूसी मामले में आपने आयोग बनाया है, क्या केंद्रीय स्तर की जांच नहीं होनी चाहिए?
केंद्र को इस पर खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर पेगासस मामले के खिलाफ जांच की मांग करनी चाहिए। बंगाल ने इसकी छानबीन के लिए आयोग बना दिया। इसकी निष्पक्ष जांच की जाएगी। दोनों ही जब क्षमतावान हैं।

आपने एनडीए के साथ भी काम किया, यूपीए के साथ भी काम किया, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी करीब से देखा, मनमोहन सिंह को भी और अब नरेंद्र मोदी को भी करीब से देखा, क्या फर्क है तीनों की कार्यशैली में?
तीनों में उतना ही फर्क है, जो A,B,C में होता है। तीनों के कैरेक्टर बिल्कुल अलग। C,B,A में बहुत फर्क है।