मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई इलाकों में भारी बारिश (Heavy rain) ने तबाही मचा दी है। भारी बारिश से बनी आपदा की स्थिति से निपटने अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) खुद मैदान में उतर आए हैं. चौहान ने अपने इलाके विदिशा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया और पीड़ितों से मुलाकात की।
पिछले दो दिनों ने भारी बारिश का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में आने वाले दिनों में बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है. भोपाल में भारी बारिश के कारण कई बांधों के दरवाजों को खोलना पड़ा था. मध्य प्रदेश के विदिशा में तो बाढ़ से बचाव के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों को लगाना पड़ा था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) के मुताबिक 24 अगस्त को ओडिशा और केरल और माहे में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. जबकि पहाड़ी राज्यों जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर भारी बरसात होने की संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक पूर्वी राजस्थान और उससे सटे उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर निम्न दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण राजस्थान के मध्य हिस्सों की ओर खिसक गया है. इसके कारण 24 तारीख को दक्षिण पश्चिम राजस्थान में बहुत भारी वर्षा की संभावना है. 24 तारीख को पूर्वी उत्तर प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड कुछ जगहों पर बहुत भारी वर्षा की संभावना है. औसत समुद्र तल पर मानसून का ट्रफ अब जैसलमेर, दक्षिण राजस्थान के मध्य भागों, ग्वालियर, उरई, सीधी, डाल्टनगंज, उलुबेरिया और वहां से दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की ओर से गुजर रहा है।
आईएमडी के मुताबिक गुजरात तट और उससे सटे उत्तर पूर्व अरब सागर, कर्नाटक और केरल के तटों, लक्षद्वीप क्षेत्र, मालदीव और आसपास के क्षेत्र में तेज हवाएं (हवा की गति 40-50 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे) चलने की संभावना है. दक्षिण श्रीलंका तट से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में भी तेज रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. मछुआरों को इन समुद्रों में न जाने की सलाह दी गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोपहर 12 बजे बुलाई गई कैबिनेट की बैठक निरस्त कर मंत्रियों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की. सीएम ने सभी मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में दौरा करने और पीड़ितों की मदद करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा वो खुद हालात पर नज़र बनाए हुए हैं लेकिन जहां भी ज़रूरी हो प्रभारी मंत्री प्रभावित इलाकों में पहुंचकर लोगों की मदद करें।
मुख्यमंत्री ने आम जनता के नाम जारी अपने संदेश में प्रदेश में बाढ़ के हालात और उनसे निपटने इंतजामों के बारे में जानकारी दी. सीएम ने कहा पिछले 48 घंटों में प्रदेश में भीषण वर्षा हुई है. भोपाल, विदिशा, राजगढ़, गुना, रायसेन, सीहोर, नर्मदा पुरम, जबलपुर को अगर देखें तो मध्य क्षेत्र और पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, जिसके कारण बांध लबालब भरे हैं. कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं. कई जगह नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. विदिशा जिले में बेतवा नदी और बेतवा की सहायक नदियां उफान पर हैं. कई गांव घिरे हुए हैं. गुना में पार्वती नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कुछ गांव में जलभराव की भी स्थिति है. अब नर्मदा में जलस्तर कई जगह कम हो रहा है, लेकिन नेमावर जैसे स्थान पर बढ़ भी रहा है. कल से लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. रात को भी सिचुएशन रूम से और सवेरे भी सारे जिलों से जुड़कर हमने हर आवश्यक कदम उठाने का प्रयास किया है. भोपाल की सड़कों पर मैं रात में भी घूमा था. सभी जिलों में आसमानी वर्षा हुई है. प्रशासन लगातार सक्रिय है।
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों में बाढ़ में घिरे 405 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है. अकेले विदिशा जिले में 18 शिविरों में 1200 लोग रुके हुए हैं. इनके लिए भोजन और आवश्यक सारी व्यवस्थाएं करने का प्रयास किया जा रहा है. विदिशा में लगातार कई गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. विदिशा और गुना जिले के 25 गांव बाढ़ में घिरे हुए हैं।