कुल्लू के उपमंडल बंजार की सैंज तहसील के तहत आने वाले मझान गांव में शनिवार दोपहर बाद यह आगजनी की घटना शुरू हुई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गांव में प्रभावित लोगों की चीखें दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी. स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी (mla surendra shourie ) ने बताया कि उन्होंने इस बारे में जिला प्रशासन को भी निर्देश जारी किया है, ताकि राहत कार्यों को जल्द से जल्द गांव में पूरा किया जा सके. इस अग्निकांड में 27 घर और 26 गौशालाएं और दो मंदिर जलकर राख हो गए. कुल नौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है.
करोड़ों रुपये के ये सभी घर काष्ठकुणी (लकड़ी) शैली से बनाए गए थे. आग की लपटें देखकर पूरे गांव में अफरातफरी और चीख-पुकार मच गई. गांव से सड़क दस किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पीने के लिए पानी भी नहीं है. पूरा गांव एकमात्र प्राकृतिक जलस्रोत पर निर्भर है. ऐसे में ग्रामीणों ने खेतों से मिट्टी खोदकर जलते आशियानों पर फेंकी लेकिन देखते ही देखते 27 घर राख के ढेर में बदल गए. इस गांव में मोबाइल सिग्नल भी नहीं है. लिहाजा, दूसरे गांववालों से भी मदद नहीं मांगी जा सकी.राजेंद्र कुमार, पविंद्र कुमार, दिनेश, फता चंद, जगदीश, जवाहर लाल, निमत राम और लिखत राम ने बताया कि गांव में आग लगने से ग्रामीण सदमे में हैं. सर्द मौसम में अब पालतू पशुओं के साथ खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ेगी. गनीमत यह रही कि आगजनी के इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सरकार से सड़क, पानी और सिग्नल के लिए कई बार गुहार लगाई है. कई बार प्रतिनिधिमंडल जनप्रतिनिधियों से मिला, लेकिन हर बार उन्हें अनसुना कर दिया गया. गांव में यह सुविधाएं होती तो आग से घर बच सकते थे. अब राख का ढेर देखकर रोने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.