जिंदगी (Life) के अंतिम सत्य मृत्यु (Death) और उसके बाद के आत्मा के सफर के साथ-साथ अच्छा जीवन जीने के तरीके के बारे में भी गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में विस्तार से बताया गया है. इसीलिए इसे महापुराण माना गया है. गरुड़ पुराण बताता है कि व्यक्ति के कर्म कैसे होने चाहिए. कौनसे कर्म उसे पुण्य (Punya) दिलाते हैं और किन कर्मों के कारण वो पाप (Paap) के बोझ तले दबता जाता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि कुछ लोगों के घर में भोजन करने से व्यक्ति पाप (Sin) का भागीदार बनता है इसलिए इन लोगों के घर पर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए.
इन लोगों के घर कभी न करें भोजन
– ऐसे अपराधी व्यक्ति जिनका अपराध साबित हो चुका हो उनके घर भोजन न करें. इसके 2 कारण हैं. पहला, ऐसे लोगों पर भरोसा करना उचित नहीं है. दूसरा अपराध में शामिल लोग नकारात्मकता से भरे होते हैं, उनके यहां भोजन करने से वो नकारात्मकता आप में भी आ सकती है.
– बीमार व्यक्ति के घर में भोजन न करें. ऐसे घरों में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो भोजन के जरिए आप के अंदर जा सकते हैं और आपको भी बीमार कर सकते हैं.
– ब्याज का काम करने वाले लोगों के घर पर भी कभी कुछ ना खाएं-पिएं. ब्याज से मिले पैसे में लोगों का दुख-दर्द, मजबूरी छिपी होती है. ऐसे पैसे का उपभोग व्यक्ति को पापी बनाता है.
– नशे से जुड़ी चीजों का व्यापार करने वाला व्यक्ति बहुत पापी होता है क्योंकि वह अपने व्यापार से कई लोगों की सेहत खराब करता है. यहां तक कि उनकी मौत का कारण भी बनता है. ऐसे लोगों से दूर रहना ही बेहतर है. वहीं इनके घर का पानी भी नहीं पीना चाहिए.
– गुस्सैल व्यक्ति नकारात्मकता से भरा रहता है. धीरे-धीरे ऐसे लोगों के घर की हर चीज में निगेटिविटी आ जाती है. इसलिए इनके घर की भी कोई चीज नहीं खानी चाहिए.