ये आपने अक्सर देखा होगा कि अगर आप लंबे सफर (long journey) में हैं. कार लंबी सड़क पर भाग रही है लेकिन भीषण गर्मी हो तो अक्सर आपके वाहन का एसी जवाब देने लगता है. आपको ये लगता है कि सामान्यतौर पर आपकी कार का एयरकंडीशनर (air conditioner) जितना काम करता है, वो नहीं कर पा रहा है. बल्कि कई बार वो गर्म हवा फेंकता हुआ लगता है.
सामान्य दिनों में तो नहीं लेकिन बहुत गर्म दिनों में जब पारा 40 – 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा हो. तब अक्सर आपको कार का एसी काम करता हुआ नहीं लगेगा.
बाहर का तापमान(Temperature) जितना गर्म होगा, उतना ही आपके एसी सिस्टम के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा. आखिर इसकी वजह क्या है. आखिरी बाहरी गर्मी का असर आपकी कार या वाहन पर किस तरह पड़ता है और आप अपने एसी को डैमेज होने से बचाने के लिए करें क्या.
कैसे बाहरी गर्मी कार के एसी को इफेक्ट करती है
जब बाहरी तापमान ज्यादा होता है या बाहरी तापमान बढ़ने लगता है तो वाहन के एयरकंडीशनर के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है. तब ये आपके वाहन के इंजन और कूलिंग सिस्टम(cooling system) पर ज्यादा बोझ बढ़ाने लगता है.इसकी वजह से कार के इंजन के साथ बैटरी और सभी वो पार्ट जो कार को ठंडा करने का काम करते हैं, दबाव में आ जाते हैं. साथ ही कार के दूसरे पार्ट भी ये कोशिश करते हैं कि आपके कार का अंदर का हिस्सा बेहतर रहे.
आपकी कार का एसी भी बाहरी गर्मी में 38-40 डिग्री सेल्सियश तापमान के लिए डिजाइन होता है. जब गरमी ज्यादा होती है और कार की स्पीड भी तेज होती है तो एसी का कूलिंग सिस्टम गड़बड़ाने लगता है.
जब बाहरी तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाता है
जैसे ही बाहरी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने लगता है तो एसी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने लगता है. तब अगर आप कार की स्पीड भी बढ़ा देंगे तो इंजन पर डबल लोड आएगा और इसका असर फिर एसी पर होने लगेगा. वो सही तरीके से काम नहीं करेगा. आपको लगेगा कि कार का एसी कम कूलिंग कर रहा है.
तब कार की स्पीड कितनी रखनी चाहिए
कई बार 100 से ऊपर स्पीड में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कार चलाने पर ये भी हो सकता है कि आपको एसी गरम हवा फेंकता हुआ महसूस हो.ऐसे में कोई भी कार या एसी एक्सपर्ट (Expert) आपको यही सलाह देगा कि आप वाहन को कम स्पीड पर रखें और तब एसी चलाए, ऐसे में एसी कुछ हद तक कार के अंदर ठंड का अहसास करा पाएगा.
एसी को भी ज्यादा तेज नहीं करें स्पीड भी कम रखें
कोशिश करें कि एसी को भी पूरा तेज नहीं करें और कार की स्पीड भी कम रखें, ऐसे में एसी कुछ बेहतर रिजल्ट मिलेगा. कई बार अगर एसी पर इन हालात में ज्यादा बोझ डाल दिया जाए तो उसके खराब होने के चांस भी रहते हैं.
रूुम एसी भी इस तरह से बनाया जाता है कि वो 38 डिग्री सेल्सियस तापमान तक ही बेहतर क्षमता के साथ काम करता है. इससे ज्यादा बाहरी तापमान पर वो जल्दी बिजली खींचने लगता है और उसके कंप्रेसर पर लोड ज्यादा हो जाता है.
रूम एसी किस तापमान के लिए डिजाइन होते हैं
वैसे आपको ये बता दें कि आपके घर के एसी भी इस तरह डिजाइन होते हैं और उनकी क्षमता इस तरह होती है कि वो 38 डिग्री सेल्सियस बाहरी तापमान तक ही बेहतर काम करते हैं. इसके बाद वो फिर वांछित रिजल्ट नहीं दे पाते.जब बाहरी तापमान ज्यादा होने लगता है तो एसी कमरे के तापमान को ठंडा रखने के लिए ज्यादा बिजली खींचने लगते हैं. ऐसे में पूरी उम्मीद रहती है कि वो या तो गड़बड़ी से शिकार हो जाएंगे या फेल हो जाएंगे.
गरमी में अपनी कार के एसी को यूं सुरक्षित रखें
– कार के एसी सिस्टम की सर्विस नियमित तौर पर कराते रहें.– दिन के समय में वाहन से निकलना एवायड करे. सुबह और शाम का समय बेहतर है. ये आपके कार के एसी सिस्टम पर भी कम बोझ डालेगा.– इंजन आयल को हमेशा प्रापर लेबल पर रखें. कूलएन को भी हमेशा चेक करते रहे.