भारत ने ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम के आधार पर जांच-पड़ताल आदि की गतिविधियों में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) से सहयोग जारी रखने को कहा है। संयुक्त राष्ट्र के राजदूत और भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ईरान के परमाणु मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में 2231 प्रस्ताव (2015) पर कहा कि ज्वाइंट कांप्रिहेंसिव प्लान आफ एक्शन (जेसीपीओए) और 2231 प्रस्ताव का भारत पूरी तरह से समर्थन करता है। साथ ही इस प्लान को लागू करने पर भी सहमत है।
आमतौर पर ईरान परमाणु संधि (जेसीपीओए) के तौर पर पहचाने जाने वाले समझौते को वियना में 14 जुलाई, 2015 में ईरान और यूरोपीय संघ समेत पी5प्लस देशों (चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी) के बीच हुआ था। मई 2018 में अमेरिका के इस समझौते से हाथ खींचने के बाद इस सौदे के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए थे। तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि जेसीपीओए के मुद्दों को शांतिपूर्वक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।