प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरूवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं। काशी में वह 1500 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। वाराणसी में तैयार विकास परियोजनाओं में भारत और जापान की सैकड़ों वर्ष पुरानी मित्रता का प्रतीक रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर भी शामिल है। वाराणसी के सिगरा में 186 करोड़ रुपए की लागत से यह कन्वेंशन सेंटर बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत और जापान की मित्रता के प्रतीक इस कन्वेंशन सेंटर के लोकार्पण की स्मृति में रुद्राक्ष का पौधा लगाएंगे। रूद्राक्ष के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली स्थित जापानी दूतावास के अधिकारी मौजूद रहेंगे। जापानी दूतावास के अधिकारी बुधवार को ही वाराणसी पहुंच चुके हैं। जापान के प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश भी इस अवसर पर प्रसारित किया जाएगा। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव 12 दिसंबर 2015 को रखी गई थी। जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट आये थे। मोदी-शिंजो ने तब गंगा का दुग्धाभिषेक किया था। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के सहयोग से पांच वर्षों में ‘रुद्राक्ष’ का निर्माण पूरा हो गया है।
यह है रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की विशेषतायें
12 दिसंबर 2015 को इस कन्वेंशन सेंटर की नींव रखी गई थी। 1200 लोगों के बैठने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाला हॉल, थियेटर है। आवश्यकतानुसार इस हॉल को दो हिस्सों में बांटा भी जा सकता है। रूद्राक्ष के हाल में वियतनाम से आई कुर्सियां लगाई गई हैं और जापान का ऑडियो-वीडियो सिस्टम लगा है। कन्वेंशन सेंटर के बाहरी हिस्से में एल्युमिनियम से बने 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगे हैं जो आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। दिव्यांगों के लिए कन्वेंशन सेंटर के हॉल के मुख्य द्वारों पर व्हील चेयर की सुविधा है। ब्रेल लिपि में गैलरी, सीढ़ी, लिफ्ट, शौचालय, फूड कोर्ट और हाल की जानकारी दी गयी है। कन्वेंशन सेंटर का निर्माण 3 एकड़ यानी 13196 स्क्वायर मीटर जमीन में हुआ है। रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर 186 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है।
कन्वेंशन सेंटर के बेसमेंट में 120 वाहनों के पार्किंग की सुविधा है जिससे कभी भी भीड़ की स्थिति नहीं होगी। जापानी शैली का गार्डन बनाया गया है और लैंडस्केपिंग की गई हैं। कन्वेंशन सेंटर में 150 लोगों की क्षमता के 2 मीटिंग हॉल हैं। इस हाॅल को भी जरूरत के अनुसार बदला जा सकता है। रूद्राक्ष में एक वीआईपी कक्ष और 4 ग्रीन रूम भी बनाए गए हैं।आग से बचाव के लिए अत्याधुनिक यंत्र लगाए गए हैं जो खुद बचाव करेंगे।स्मोक और हीट डिटेक्टर के साथ ही 12 वॉटर कर्टेन लगे हैं जो स्वचालित हैं।