भारत-चीन संघर्ष के बीच रूस की पहल पर 23 जून को भारत और चीन के विदेश मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि आरआईसी चेयरमैनशिप के अंतर्गत होने वाली इस चर्चा में ग्लोबल पॉलिटिक्स, इकोनॉमी और कोरोना महामारी से जुड़े मामलों पर बातचीत होगी। बता दें कि सोमवार को लद्दाख में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन मे तनाव चरम पर है। ऐसे में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत को लेकर कई संभावना जताई जा रही है।
रूस को उम्मीद: बातचीत से सुलझा लेंगे विवाद
रूस ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प से चिंतित है लेकिन उसका मानना है कि उसके दोनों करीबी सहयोगी खुद ही टकराव की स्थिति को सुलझा सकते हैं। रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से कहा कि हम निश्चित रूप से बहुत ध्यान से देख रहे हैं कि चीनी-भारतीय सीमा पर क्या हो रहा है। हमारा मानना है कि यह बहुत ही चिंताजनक रिपोर्ट है।
रूस बोला- दोनों देश हमारे करीबी
रूसी समाचार एजेंसी तास ने पेसकोव के हवाले से बताया कि लेकिन हमारा मानना है कि दोनों देश भविष्य में इस तरह की स्थिति को टालने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सक्षम हैं। चीन और भारत रूस के करीबी सहयोगी हैं और पारस्परिक सम्मान के आधार पर बने (रूस के साथ) बहुत करीबी संबंध हैं।
भारतीय विदेश मंत्री ने चीन से जताया विरोध
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को दिए गए कड़े संदेश में बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने चीन से स्थिति में सुधार करने वाले कदम उठाने को कहा है। जयशंकर और वांग की टेलीफोन पर बातचीत हुई।