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भारत-चीन तनाव के बीच दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्‍ते हो रहे गहरे, चीन से भारत का आयात 100 अरब डॉलर पहुंचा

भारत (India) और चीन(China) के बीच रिश्तों के उतार-चढ़ाव की खबरें आती रहती हैं। लेकिन दोनों देशों के रिश्ते व्यापार क्षेत्र में और गहरे (india china ties deepen in trade area) हो रहे हैं। कैलेंडर वर्ष 2021 में पहली बार चीन से भारत में आयात लगभग 100 अरब डॉलर (Imports from China into India about $100 billion) तक पहुंच गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान(electrical and electronic goods), विशेष रूप से स्मार्टफोन(smartphones), मशीनरी(machinery), उर्वरक(fertilisers), विशेष रसायनों (special chemicals) और सक्रिय दवा सामग्री active pharmaceutical ingredients (एपीआई) के आयात में भारी उछाल देखा गया है।


चीन के कस्टम विभाग (जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स ऑफ द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के आंकड़ों के अनुसार 2021 में भारत को होने वाला निर्यात 97.52 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया जबकि कुल दोतरफा द्विपक्षीय व्यापार 125.66 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

इन सामानों का सबसे ज्यादा व्यापार
जीएसीसी के अनुसार, स्मार्टफोन और स्टोरेज इकाइयों सहित इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के शिपमेंट में सबसे बड़ी उछाल देखी गई है। इन सामानों में टेलिकॉम उपकरण, ऑटो पार्ट्स, मशीन टूल, विशेष रसायन, यूरिया, अमोनिया सल्फेट और अन्य किस्मों जैसे उर्वरक शामिल हैं।

पेट्रोलियम उत्पादों के आयात में वृद्धि
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा विदेश व्यापार प्रदर्शन विश्लेषण के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2021 के पहले आठ महीनों में चीन से प्रमुख आयात वस्तुओं में, पेट्रोलियम (कच्चा) और पेट्रोलियम उत्पादों, मोती, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों के साथ-साथ कोयला, कोक और ब्रिकेट्स के आयात में भारी वृद्धि देखने को मिली। इस अवधि के दौरान चीन से कुल आयात में इन वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 60 अरब डॉलर है। दिसंबर के लिए कमोडिटी-वार डेटा भारत द्वारा जारी किया जाना बाकी है।

चीन पर भारत की निर्भरता और बढ़ सकती है
एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएनयू में व्यापार अर्थशास्त्री और प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने बताया कि चीन के साथ भारत के समग्र संबंध अमेरिका-चीन संबंधों को प्रतिबिंबित करते हैं, जिसमें आर्थिक और राजनीतिक संबंधों का अलग आधार है। आगे उन्होंने कहा कि चीन के साथ अपने बिगड़ते राजनीतिक संबंधों के बावजूद, अमेरिका ‘दुनिया के कारखाने’ पर अपनी निर्भरता कम नहीं कर पाया है। भारत सरकार के प्रयासों के बावजूद भारत भी चीनी अर्थव्यवस्था से अलग होने में असमर्थ रहा है। साथ ही कहा कि जब हमारे उद्योग पूरी तरह महामारी से उबर जाएंगे तो चीन पर भारत की निर्भरता और बढ़ सकती है।
वहीं चीन के ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2021 चीन-भारत व्यापार 125 बिलियन डॉलर के पार हो गया है, यह एक रिकॉर्ड स्तर है। और दोनों देशों के तनाव के बीच यह इस बात का प्रमाण है कि भारत चीनी बाजार पर अपनी निर्भरता को कम करने में असमर्थ है। वहीं अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने कहा कि चीन से एपीआई के आयात पर भारत की निर्भरता को दूर करने में भी लंबा समय लगेगा।