ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ अप्रैल की शुरुआत में ही भारत को ‘लाल सूची’ में नहीं डालने की आलोचना का रविवार को बचाव किया। कोविड-19 के बी1.617.2 प्रकार के मामलों में वृद्धि के लिए इसे बड़ा कारक माना जा रहा है। वायरस के इस स्वरूप की पहचान सबसे पहले भारत में हुई थी। डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि बी 1.617.2 स्वरूप की जांच शुरू होने से छह दिन पहले 23 अप्रैल को उसने भारत से यात्रा को लेकर एहतियाती कदम उठाए थे और यह कदम बी1.617.2 को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) बताए जाने से दो हफ्ते पहले उठाया गया।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के ताजा आंकड़े के मुताबिक ‘लाल सूची’ प्रतिबंध से पहले भारत और ब्रिटेन के बीच करीब 20,000 लोगों ने यात्रा की। उनमें से 122 लोग जिनमें वीओसी पाया गया, वे दिल्ली और मुंबई से मार्च के अंत से 26 अप्रैल के बीच आए। हालांकि विपक्षी दल लेबर पार्टी ने सरकार पर देर से फैसला लेने का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना की।