कोरोना वायरस महामारी से पूरा देश जूझ रहा है. लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था का हाल बुरा हो चुका है. लेकिन इस बीच टिड्डियों का कहर भी भारत में जारी है. दरअसल अचानक से टिड्डियों का दल भारत की ओर तेजी से रूख कर रहा है. जो किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है. ये 27 सालों में पहली बार है जब टिड्डियों का आतंक इतने बड़े स्तर पर भारत में धावा बोला है. इन टिड्डियों (Locust) ने राजस्थान से लेकर पंजाब, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भारी तबाही मचा चुका है. ऐसे में अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि यदि टिड्डियों का कहर जारी रहा तो ये और भी राज्यों में में आतंक मचा सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टिड्डियों का इतनी संख्या पिछले साल पाकिस्तान से ही आई थी.
टिड्डियों की वजह से किसानों की फसल को हो रहे नुकसान को देखते हुए गुरूवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उच्च-स्तरीय बैठक की और इस दौरान टिड्डी नियंत्रण अभियानों की समीक्षा की. इसके साथ ही उन्होंने बैठक के बाद ये भी जानकारी दी है कि अभियान के लिए दो हफ्ते के अंदर ब्रिटेन से 15 स्प्रेयर आ जाएंगे, इसके बाद 45 और स्प्रेयर खरीदे जाएंगे. बताया जा रहा है कि ऊंचे पेड़ों और कठिन इलाकों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. इतना ही नहीं इसके साथ ही छिड़काव के लिए हेलिकॉप्टरों की भी मदद लेने की तैयारी की जा रही है.
इसके साथ ही आपको बता दें कि इन टिड्डियों ने अब तक मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, उज्जैन, रतलाम, देवास, आगर मालवा, छतरपुर, सतना व ग्वालियर, राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, अजमेर, पाली, बीकानेर, भीलवाड़ा, सिरोही, जालोर, उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, दौसा, चुरू, सीकर, झालावाड़, जयपुर, करौली एवं हनुमानगढ़, गुजरात के बनासकांठा और कच्छ, उत्तर प्रदेश में झांसी और पंजाब के फाजिल्का जिले में 334 जगहों पर 50,468 हेक्टेयर इलाके में हॉपर और गुलाबी झुंडों को नियंत्रित किया गया है.