भारतीय रेलवे (Indian Railway) को कोविड महामारी के दौरान (Covid-19 pandemic) के दौरान 36,000 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है. रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने यह दावा किया है. दानवे महाराष्ट्र के जालना रेलवे स्टेशन पर रविवार को एक अंडरब्रिज के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान रेलवे को 36,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
ज्यादातर ट्रेनों का संचालन ठप था
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में कोरोना का कहर शुरू होने के बाद ज्यादातर ट्रेनों का संचालन ठप हो गया था. लॉकडाउन की वजह से रेलवे को कमाई कराने वाली मालगाड़ियों से भी सिर्फ जरूरी सामान की ढुलाई हुई. अब भी पूरी तरह सभी ट्रेनों का संचालन नहीं शुरू हो पाया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रावसाहेब दानवे ने मालगाड़ियों को रेलवे के लिए वास्तविक रूप से राजस्व उपलब्ध कराने वाला करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के साथ एक बुलेट ट्रेन परियोजना को क्रियान्वित किया जाएगा, जो वर्तमान में निर्माणाधीन है.
पैसेंजर ट्रेन नुकसान में रहती हैं
दानवे ने कहा, ‘पैसेंजर ट्रेन खंड हमेशा घाटे में चलता है. चूंकि टिकट का किराया बढ़ने से यात्रियों पर असर पड़ता है, इसलिए हम ऐसा नहीं कर सकते. महामारी के दौरान, रेलवे को 36,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. केवल मालगाड़ियां ही राजस्व उत्पन्न करती हैं. महामारी के दौरान, इन ट्रेनों ने माल ढोने और लोगों को राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बुलेट ट्रेन को लेकर उन्होंने कहा कि यह परियोजना मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के साथ शुरू की जाएगी क्योंकि यह लोगों के लिए आवश्यक है. दानवे ने कहा कि रेलवे ने ‘वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ परियोजना शुरू की गई है, जो नवी मुंबई को दिल्ली से जोड़ेगी.