22 साल बाद (after 22 years) भारत के रक्षामंत्री (India’s Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) लंदन (London) पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री सिंह तीन दिन के दौरे पर ब्रिटेन पहुंचे हैं। इस दौरान, रक्षा मंत्री ने भारत-ब्रिटेन रक्षा साझेदारी (India-UK defense partnership) के सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। सिंह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजूबत करने पर चर्चा करेंगे। यात्रा के दौरान रक्षा, सुरक्षा और औद्योगिक सहयोग (Defence, Security and Industrial Cooperation) सहित अन्य व्यापक मुद्दों पर गहन रूप से बातचीत होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंह के साथ रक्षा मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें डीआरडीओ, सेवा मुख्यालय, रक्षा विभाग और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी है। सिंह ब्रिटिश रक्षा सचिव ग्रांट शॉप्स के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके अलावा, उम्मीद जताई जा रही है कि वह प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और विदेश सचिव डेविड कैमरन से भी मिलने की उम्मीद है। यात्रा के दौरान वे महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर स्मारक और नेडसेन मंदिर जाएंगे। इसके बाद वे इंडिया हाउस में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।
कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना
विश्लेषकों की मानें तो मंत्री स्तर पर बातचीत के दौरान रक्षा क्षेत्र में केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत एजेंडे के कार्यान्वन पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत-ब्रिटेन रक्षा साझेदारी में इजाफा पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अप्रैल 2022 की भारत यात्रा से हुई, जिन्होंने भारत के लिए एक ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) के निर्माण की घोषणा की थी, जिसके बारे में ब्रिटेन सरकार ने कहा था कि यह नौकरशाही को कम करेगा और इसमें मदद करेगा।
मोदी-जॉनसन ने किया था एलान
अप्रैल 2022 में पीएम नरेंद्र मोदी व तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन रक्षा साझेदारी पर सहमत हुए थे। भारत यात्रा के दौरान जॉनसन ने एलान किया था कि ब्रिटेन रक्षा खरीद में डिलीवरी समय कम करने के लिए ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस बनाएगा। भारत को लड़ाकू विमानों के स्वदेशी उत्पादन सहित सैन्य उपकरणों के विकास में मदद करेगा।