अमेरिका में पढ़ाई के बाद नौकरी करने की राह आसान हो गई है। अमेरिका की संघीय अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एच 1 बी वीजा नियमों में बदलाव के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। इससे भारतीय पेशेवरों को राहत मिलेगी। एच 1बी एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों को देश में रहने की अनुमति देता है। ट्रंप प्रशासन ने स्थानीय लोगों को रोजगार बढ़ाने के लिए नियम बदलने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके तहत वीजा के लिए लॉटरी निकालने के बजाय ज्यादा वेतन वाली नौकरियों के लिए आवेदन को तरजीह दी जाएगी। इसके खिलाफ अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स कोर्ट चला गया। कोर्ट ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी थी।
कारोबारियों का कहना था कि नया नियम लागू हो गया तो फ्रेश ग्रेजुएट को हायर करना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वे आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। नौकरी नहीं मिलेगी तो छात्र पढ़ाई करने नहीं आएंगे। सालाना जारी किए जाने वाले एच-1बी वीजा की संख्या 65,000 तक सीमित है। साथ ही उच्च डिग्री वाले व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा आरक्षित हैं। आवेदनों के चयन की प्रणाली पहले आओ, पहले पाओ और लॉटरी पर आधारित थी।