अंतरधार्मिक शादी को लेकर पंजाब और हरियाण उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने बुधवार को भाग कर शादी करने वाले और दूसरे धर्म में शादी करने वाले जोड़ों की सुरक्षा देने को कहा है। कोर्ट ने ऐसे जोड़ों द्वारा भारी संख्या में दायर की जा रही संरक्षण याचिकाओं पर चिंता व्यक्त की है। नवविवाहित जोड़ों की सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की है। न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन की एकल पीठ ने कहा कि वर्तमान ऐसी याचिकाएं तेजी से दायर हो रही हैं। इन याचिकाओं के बीच कई बार वास्तविक मामले जिन्हें सच में खतरा है वे अनदेखा हो जाते हैं। कोर्ट ने असुरक्षित जोड़ों के जीवन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति ने सुझाव दिया कि ऐसे जोड़ों के लिए पंजाब और हरियाणा के प्रत्येक जिले और केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ में सेफ हाउस बनाए जाने चाहिए। सुरक्षित रहने की जगह पर इन्हें रखा जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से निस्तारण होना चाहिए। उच्च न्यायालय ने सुझाव दिया कि पीड़ित व्यक्तियों द्वारा या किसी के माध्यम से ऐसे अभ्यावेदन दाखिल करने के लिए तहसील स्तर पर हेल्प डेस्क होना चाहिए। यह डेस्क हमेषा काम करना चाहिए। न्यायमूर्ति ने कहा कि ऐसे मामलों से निस्तारण के लिए पुलिस विभाग में एक मौजूदा सेल को प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
यह सेल नवविवाहित जोड़ों को 48 घंटे के भीतर सुरक्षा दे। कोर्ट द्वारा दिये गए सुझावों पर स्टेट काउंसल्स ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरलों, केंद्र शासित प्रदेश के वरिष्ठ वकील और कानूनी सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिवों को ऐसी शादी करने वाले जोड़ों के सुरक्षा के मुद्दे से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करने के निर्देश दिये हैं।