दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से सफर करना महंगा हो सकता है. क्योंकि, इस पर जल्द टैक्स वसूलने की तैयारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वेसे आने जाने वाले को 120 रुपए तक देने पड़ सकते है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) 1 सितंबर से टोल वसूलने की तैयारी कर रही है. देश में पहली बार इस एक्सप्रेस-वे पर बगैर टोल प्लाजा के टोल वसूलने की शुरुआत की जाएगी.डीएमई देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे होगा, जिस पर दूरी के हिसाब से टोल वसूली होगी. चलते वाहन से फास्टैग के जरिये टोल वसूलने वाला भी पहला एक्सप्रेस-वे होगा. इसके लिए पूरे एक्सप्रेस-वे पर 130 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे लगाए गए हैं, जिनका बीते तीन महीनों से ट्रायल चल रहा है.
डासना से सराय काले खां के बीच 14 लेन का एक्सप्रसे-वे बनाया गया है, जिसमें बीच की 6 लेन एक्सप्रेस-वे, उसके बाद दोनों तरफ की दो-दो लेन नेशनल हाइवे और एनएच के बराबर में दो-दो लेन की सर्विस रोड दोनों तरफ बनाई गई हैं. सिर्फ एक्सप्रेस-वे की लेन में चलने पर ही टोल वसूला जाएगा. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (DME) पर चिपियाना (अलीगढ़ रेल लाइन) में छह लेन का रेलवे ओवरब्रिज (ROB) तैयार न होने की वजह से अभी तक वाहन चालकों से टोल नहीं वसूला जा रहा था. अब आरओबी तैयार हो चुका है. इस वजह से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) से टोल वसूली की मंजूरी मांगी है. सड़क परिवहन मंत्रालय मौखिक सहमति दे चुका है, बस अब लिखित मंजूरी का इंतजार है. स्वीकृति मिलते ही एनएचएआई टोल दरों का प्रकाशन करेगा. इसके बाद सराय काले खां से मेरठ के बीच टोल वसूलना शुरू कर दिया जाएगा. मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार 1 सितंबर से टोल वसूले जाने की संभावना है.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल की दर लगभग तय कर दी है. जानकारी के अनुसार, दो दरों से टोल वसूला जाएगा. पहला जहां पर अधिक अंडरपास या आरओबी का निर्माण किया गया है, वहां पर 2 रुपए प्रति किमी और जहां पर कम अंडरपास का निर्माण हुआ है, वहां पर 1 रुपए 60 पैसे की दर से टोल वसूला जाएगा. इस तरह सराय काले खां से मेरठ की दूरी 72 किमी है. औसतन इस दूरी के लिए वाहन चालक को 120 के आसपास चुकाने होंगे. वहीं, यूपी गेट तक 20 रुपए और लालकुआं तक 50 रुपए के करीब वाहन चालकों को टोल चुकाना होगा.